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भारत से मिला नेपाल को माल ढुलाई में मदद का भरोसा

कोलकाता, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran) । नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच, पश्चिम बंगाल के श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह (कोलकाता पोर्ट) ने नेपाल तक माल ढुलाई को लेकर व्यापार जगत को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है। बंदरगाह प्रशासन ने कहा है कि नेपाल के लिए माल परिवहन प्रभावित न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

काेलकाता पोर्ट के डिप्टी चेयरमैन सम्राट राही ने मंगलवार काे बताया कि नेपाल तीसरे देशों से होने वाले व्यापार के लिए कोलकाता बंदरगाह पर काफी हद तक निर्भर है और अधिकांश माल रेल मार्ग से जाता है। उन्होंने कहा, अभी तक किसी विशेष सहायता की मांग नहीं आई है, लेकिन हालात बिगड़ने पर व्यापारियों को छूट या अतिरिक्त मदद देने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। सीमा के पास स्थित कंटेनर फ्रेट स्टेशनों और गोदामों की वजह से नेपाल के लिए माल ढुलाई में रुकावट की आशंका नहीं है। बंदरगाह पर नेपाल भेजे जाने वाले माल की अनलोडिंग और डिस्चार्ज प्रक्रिया सामान्य रूप से जारी है।

नेपाल के साथ व्यापार बंदरगाह के कुल वार्षिक माल परिवहन का एक छोटा हिस्सा है, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से यह बेहद अहम है। भारत-नेपाल संधि के तहत नेपाल का अधिकांश ट्रांजिट व्यापार कोलकाता, हल्दिया और विशाखापट्टनम बंदरगाहों के जरिए होता है।

भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और उसके कुल व्यापार का लगभग 63 प्रतिशत भारत के साथ होता है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार करीब 8.02 अरब डॉलर का रहा। इसमें भारत से नेपाल को 7.3 अरब डॉलर का निर्यात हुआ।

भारत से नेपाल को मुख्य रूप से पेट्रोलियम पदार्थ, लोहा-इस्पात, ऑटोमोबाइल, मशीनरी और अनाज का निर्यात होता है, जो नेपाल की जीडीपी में करीब 16 प्रतिशत का योगदान देता है। वहीं नेपाल ने पिछले वित्त वर्ष में इलायची, लोहे की चादरें, खाद्य तेल, जूस, प्लाईवुड और जूट का निर्यात किया था, जिसका 68 प्रतिशत हिस्सा भारत ने खरीदा।————————-

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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