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एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए नेपाल ने भारत से अतिरिक्त एयर रूट की मांग की

नेपाल की विदेश मंत्री से मुलाकात करते भारतीय विदेश सचिव

काठमांडू, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । नेपाल और भारत के बीच एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए नेपाल सरकार की तरफ से भारत के समक्ष एक बार फिर अतिरिक्त एयर रूट की मांग की गई है।

नेपाल दौरे पर रहे भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मुलाकात के दौरान नेपाल की विदेश मंत्री डॉ आरजू राणा ने भारत के विभिन्न शहरों के साथ नेपाल के अलग-अलग शहरों को जोड़ने के लिए दोनों देशों के बीच एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने भारत के साथ एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए नेपाल को अतिरिक्त हवाई रूट देने की मांग भी की है।

भारतीय विदेश सचिव के साथ बैठक के दौरान डॉ आरजू राणा ने कहा कि इस समय नेपाल और भारत के बीच पांच शहरों में ही एयर कनेक्टिविटी है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, वाराणसी और कोलकाता शहर काठमांडू से एयर रूट से जुड़ा हुए हैं। नेपाल की तरफ से भारत के अन्य शहरों के लिए भी एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की औपचारिक मांग की गई है।

विदेश मंत्री डॉ राणा ने बताया कि भारत के अन्य शहर को भी हवाई रूट से जोड़ने के लिए आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि पटना, लखनऊ, देहरादून, अहमदाबाद, जयपुर सहित दक्षिण भारत के हैदराबाद को भी नेपाल से सीधी हवाई उड़ान करने का प्रस्ताव रखा गया है। विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि भारत के शहरों से काठमांडू के अलावा पोखरा और भैरहवा अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डे से भी जोड़ने के लिए विचार करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री केपी ओली के प्रस्तावित भारत यात्रा के दौरान इस पर कोई निर्णय हो सकता है।

भारतीय विदेश सचिव के साथ बैठक के दौरान विदेश मंत्री डॉ राणा ने भारत से नेपाल में आने वाले अंतरराष्ट्रीय विमानों के लिए दो नए एयर रूट देने की भी मांग की है। डॉ राणा ने बताया कि नेपाल कई वर्षों से भारत सरकार के समक्ष गोरखपुर-सुनौली हवाई रूट और लखनऊ-नेपालगंज हवाई रूट को उपलब्ध कराने के लिए आग्रह करता आ रहा है।

इस समय भारत के एयरस्पेस से होकर नेपाल में आने वाले सभी विमान को सिर्फ एक ही रूट उपलब्ध कराया गया है जो कि पटना-मोतिहारी-रक्सौल-सिमरा होते हुए काठमांडू में लैंड करते हैं। एक ही हवाई रूट होने से काठमांडू का विमानस्थल काफी व्यस्त रहता है जिसके कारण प्रत्येक दिन कई विमानों को घंटों तक आसमान में ही होल्ड करना पड़ता है।

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(Udaipur Kiran) / पंकज दास

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