Delhi

एनडीएमसी की सांस्कृतिक पुनर्जागरण योजना का अनावरण

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह की फाइइल फोटो

नई दिल्ली, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) ।

नई दिल्ली क्षेत्र में कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने मंगलवार को महत्वाकांक्षी और व्यापक सांस्कृतिक योजना की घोषणा की। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत@2047 के विज़न के अनुरूप तैयार की गई है। जिसका उद्देश्य नई दिल्ली को कला, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनाना है।

चहल ने बताया कि एनडीएमसी ने एक सुव्यवस्थित और समावेशी योजना तैयार की है, जो देश की सांस्कृतिक विरासत, जनभागीदारी और नवाचार को मजबूत करते हुए नई दिल्ली को एक सांस्कृतिक प्रकाश स्तंभ बनाएगी।

चहल ने बताया कि इस योजना का एक प्रमुख हिस्सा ‘आर्ट डिस्ट्रिक्ट’ (कला क्षेत्र) की स्थापना है। जिसके तहत देश के 10 प्रसिद्ध मूर्तिकारों को आमंत्रित किया गया है। जिनमें से 8 ने अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। ये कलाकार 10 से 15 फीट ऊंची विशाल मूर्तियां बनाएंगे। जिन्हें मंडी हाउस, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, फिक्की ऑडिटोरियम, श्रीराम सेंटर, इंडिया गेट, हैदराबाद हाउस, त्रावनकोर भवन और त्रिवेणी कला संगम जैसे प्रमुख सांस्कृतिक स्थलों पर स्थापित किया जाएगा।

चहल ने आगे बताया कि इन कलाकारों में राघव आर. कनेरिया, वेद नायर, पद्मश्री बिमान बी. दास, पद्मश्री राजेंद्र टिक्कू, के. राधाकृष्णन, अरुण पंडित और दिवंगत सतीश गुजराल व नागजी पटेल के कार्य शामिल हैं।

कला की गुणवत्ता और स्थानीय महत्व को ध्यान में रखते हुए एनडीएमसी एक चयन और सलाहकार समिति बनाएगा। जिसकी अध्यक्षता कला और संस्कृति सलाहकार करेंगे। इस समिति में देश और विदेश के विशेषज्ञ शामिल होंगे जो कलाकारों, सामग्री, डिज़ाइन और स्थापना स्थलों के चयन में मार्गदर्शन देंगे।

चहल ने बताया कि एनडीएमसी एक अंतरराष्ट्रीय मूर्तिकला संगोष्ठी का आयोजन करेगा। जिसमें 15 जाने-माने मूर्तिकार शामिल होंगे—इनमें 10 भारत से और 5 विदेशों से होंगे। इनमें से कई कलाकार पद्म और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हैं।

ये मूर्तियां एक कार्यशाला के दौरान लाइव बनाई जाएंगी।

राष्ट्रीय चित्रकला संगोष्ठी

इसके साथ ही एनडीएमसी एक राष्ट्रीय चित्रकला संगोष्ठी भी आयोजित करेगा। जिसमें देशभर के 15 प्रसिद्ध चित्रकारों को आमंत्रित किया जाएगा। यह कार्यशाला एक रचनात्मक अनुभव होगी और इसके बाद एक प्रदर्शनी के माध्यम से इन चित्रों को प्रमुख एनडीएमसीस्थलों पर प्रदर्शित किया जाएगा।

एनडीएमसी का वार्षिक सांस्कृतिक कैलेंडर

इन प्रयासों को स्थायित्व और दिशा देने के लिए एनडीएमसीने शहरी कला और संस्कृति मंच का गठन परिषद प्रस्ताव के माध्यम से किया है। यह मंच एनडीएमसी के वार्षिक सांस्कृतिक कैलेंडर को लागू करेगा, जिसमें भारत की पारंपरिक, लोक एवं शास्त्रीय कला, साहित्य, सार्वजनिक कला और विरासत से जुड़ी गतिविधियां शामिल होंगी।

इस कैलेंडर में कार्तिक नृत्य महोत्सव, भक्ति नाद, शास्त्रीय संगीत महोत्सव, आर्ट फ्ली मार्केट जैसे प्रमुख आयोजन होंगे, साथ ही साउंड गार्डन, वीमेन, ड्रीम्स एंड डिज़ायर्स, वेस्ट टू वैल्यू (रीसायक्लिंग आर्ट), पपेट शो, सिनेमा इन द पार्क जैसे रोचक कार्यक्रम भी होंगे। ये सभी कार्यक्रम नेहरू पार्क, सेंट्रल पार्क, लोधी आर्ट डिस्ट्रिक्ट, तलकटोरा स्टेडियम, खान मार्केट जैसे प्रमुख स्थानों पर होंगे।

—————

(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

Most Popular

To Top