


केंद्रीय समिति के शीर्ष कैडरों के जारी पत्रों से नक्सल संगठन के मतभेद उजागर
जगदलपुर, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । नक्सली संगठन के शीर्ष कैडराें के मध्य गंभीर मतभेद उजागर हो रहे हैं। इसका कारण नक्सल संगठन के कुछ
शीर्ष कैडरों के जारी किए गए पत्रों को माना जा रहा है। इस बाबत बस्तर संभाग के आईजी ने कहा कि नक्सल संगठन में जबरदस्त मतभेद हो गए हैं।हाल ही में संगठन के कैडरों के जारी प्रेस नोट और बयान इसकी पुष्टि करते हैं।
नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए केंद्रीय समिति सदस्य कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ विकल्प के नाम पर सोमवार
को जारी एक संयुक्त प्रेस नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इससे एक सप्ताह पहले भी केंद्रीय कमेटी के सदस्य अभय उर्फ सोनू के नाम
जारी हुए पत्र में तेलंगाला स्टेट कमेटी के शीर्ष कैडर जगन ने सवाल उठाए थे और नक्सल संगठन की केंद्रीय समिति पर मनमानी और तानाशाही के गंभीर आरोप लगाए थे।
कट्टा रामचंद्र रेड्डी के नाम से जारी हुए इस प्रेस नोट में नक्सली कमांडर सोनू दादा (उर्फ भूपति) के हथियार छोड़ने के बयान की कड़ी निंदा की गई है और शांति वार्ता की संभावनाओं को पूरी तरह खारिज किया गया है। इसके बाद नक्सली संगठन के शीर्ष कैडराें में विवाद और मतभेद की गंभीर स्थिति पैदा हाे गई है। संयुक्त प्रेस नोट में केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने स्पष्ट किया है कि वे हथियार नहीं छोड़ेंगे और शांति वार्ता में शामिल नहीं होंगे।
इस संयुक्त बयान में नक्सली संगठन ने नेपाल में नक्सली नेता प्रचंडा द्वारा अपनाए गए संसदीय रास्ते को भी ‘नया संशोधनवाद’ कहते हुए तीव्र आलोचना की गई है। सोनू के कदम को उसी ‘गद्दारी की राह’ का हिस्सा करार दिया है। सोनू को लेकर नक्सलियाें का संदेश साफ है यदि आत्मसमर्पण करना है तो करें, लेकिन पार्टी की नीति और हथियारों पर उनका कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का पोलित ब्यूरो सदस्य कामरेड सोनू द्वारा अभय के नाम से 17 सितंबर से मीडिया में जारी किया गया प्रेस नोट और ऑडियो फाइल पूरी तरह से उनका व्यक्तिगत निर्णय है। इससे केंद्रीय समिति का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
नक्सलियों का कहना है कि बसव राजू द्वारा शांति वार्ता के लिए किए गए प्रयासों को गलत तरीके से पेश किया गया है। नक्सली संगठन अब तक सेन्ट्रल कमेटी के ताकतवर नेता मल्लोजुलावेणुगोपाल राव उर्फ अभय उर्फ भूपति उर्फ सोनू काे एक ही बताते रहे हैं। अब नक्सली संगठन में साेनू काे अलग बताकर गंभीर मतभेद एवं उत्पन्न विवाद की स्थिति काे नकारने का प्रयास किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर को सेंट्रल कमेटी मेंबर अभय के नाम से जारी एवं वायरल प्रेस नोट में लिखा था कि पार्टी फिलहाल अस्थायी तौर पर हथियारबंद संघर्ष को रोकने और शांति वार्ता के लिए तैयार है। वे सरकार से गंभीर और ईमानदार पहल की उम्मीद कर रहे हैं। वर्ष 2024 से चल रहे अभियान में पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ों का सामना किया है, जिसमें दोनों ओर से नुकसान हुआ है। इसी पृष्ठभूमि में पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि एक महीने तक सरकार से संवाद की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए और कैद माओवादी नेताओं को भी वार्ता में शामिल करने का अवसर दिया जाए। इसके साथ ही एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें भी स्वयं को नक्सली लीडर अभय बताकर शांति वार्ता की बात कही गई थी।
बस्तर संभाग के आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि नक्सल संगठन में जबरदस्त मतभेद हो गए हैं। हाल ही में संगठन के शीर्ष कैडरों के जारी किए प्रेसनोट और बयान इसकी पुष्टि करते हैं। उन्होंने कहा कि अब उनमें नेतृत्व और आपसी समन्वय का पूरी तरह आभाव हो गया और वे आपस में लड. रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे
