
जयपुर, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होने जा रहे है। इस बार नवरात्रि पर माता की पूजा नौ की जगह दस दिन के होगी। ज्योतिष गणना के अनुसार नवरात्रों की एक तिथि बढ़ना काफी शुभ माना जा रहा है। इस बार नवरात्रों में तृतीय तिथि दो दिन 24 और 25 सितंबर तक रहेगी। तिथि बढ़ने के कारण नवरात्रों का समापन दिवस के दिन ही दशहरा मनाया जाएगा। विद्वानों के अनुसार यह पर्व हर दिन विशेष रूप से मनाया जाएगा। माता की दसों दिन अलग-अलग रूपों में पूजा होगी।
ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा के अनुसार शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ 22 सितंबर को देर रात 01: 23 मिनट पर होगा, जो 23 सितंबर को देर रात 02: 55 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से आरंभ हो रहे है। इसके कारण एक नवरात्रा दिवस बढ़ रहा है। जो 2 अक्टूबर को विजय दशमी यानी दशहरा के साथ समाप्त होगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल चार नवरात्रि आती हैं, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि और दो प्रमुख नवरात्रि – चैत्र और शारदीय नवरात्रि होती हैं। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है, जबकि चैत्र और शारदीय नवरात्रि मुख्य रूप से गृहस्थ लोग मनाते हैं।
पंडित मूलचंद शर्मा के अनुसार शारदीय नवरात्रि का आरंभ आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। देशभर में इस महापर्व को बड़े धूमधाम और आस्था के साथ मनाया जाता है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है।
हाथी पर सवार होकर आएगी माता
पंडित श्री कृष्ण चंद्र शर्मा ने बताया कि इस बार नवरात्र सोमवार से प्रारंभ हो रहे हैं। इसलिए माता दुर्गा का वाहन हाथी रहेगा। पुरातन धार्मिक मान्यता है कि हाथी पर माता का आगमन सुख-समृद्धि, शांति और भरपूर वर्षा का प्रतीक होता है। इससे राज्य और देश में अन्न-धन की वृद्धि और समृद्धि का संकेत मिलता है। जो सभी के शुभ मंगल दायक होगा।इसका मतलब है कि पूरा साल सुख-समृद्धि, सौभाग्य लेकर आने वाला है। इसके साथ ही वर्षा होने के कारण धन धान्य आदि ठीक होगा।
अधिक मास के चलते 10 दिन पहले आ रहे है प्रमुख त्योहार
वर्ष – 2023 में अधिक मास था और अगला अधिक मास वर्ष 2026 में आएगा। जो 17 मई से 15 जून तक रहेगा। इसी कारण इस बार श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हुआ था। जो 8 अगस्त तक रहा। जबकि गत वर्ष 22 जुलाई से प्रारंभ हुआ था। गत वर्ष की तुलना में इस बार सभी प्रमुख त्योहार जल्दी आ रहे है। इसमें गणेश चतुर्थी,अनंत चतुर्दशी,सर्व पितृ अमावस्या,नवरात्र ,दशहरा और दीपावली गत वर्ष की अपेक्षा 10 दिन पहले आ रहे हैं।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
इस बार नवरात्रि में घट स्थापना का समय सुबह 06:09 से सुबह 08:06 बजे तक रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 मिनट से दोपहर 12: 38 मिनट तक रहेगा।
इस बार नवरात्रि
22 सितंबर (सोमवार) – प्रतिपदा
23 सितंबर (मंगलवार) – द्वितीया
24 सितंबर (बुधवार) – तृतीया
25 सितंबर (गुरुवार) – तृतीया
26 सितंबर (शुक्रवार) – चतुर्थी
27 सितंबर (शनिवार) – पंचमी
28 सितंबर (रविवार) – षष्ठी
29 सितंबर (सोमवार) – सप्तमी
30 सितंबर (मंगलवार) – अष्टमी
01 अक्टूबर (बुधवार) – नवमी
02 अक्टूबर (गुरुवार) – दशहरा
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(Udaipur Kiran)
