
जम्मू, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । नटरंग जम्मू ने अपने साप्ताहिक नाट्य श्रृंखला संडे थिएटर के अंतर्गत हिंदी नाटक तौबा-तौबा का मंचन किया। नाटक का लेखन राजिंदर कुमार शर्मा ने किया जबकि निर्देशन की बागडोर नीरज कांत ने संभाली। हास्य से भरपूर इस नाटक ने उन गंभीर समस्याओं पर व्यंग्यात्मक दृष्टि डाली जो थिएटर समूहों को कलाकारों की गैर-प्रतिबद्धता के कारण झेलनी पड़ती हैं।
नाटक की कहानी अनोखे लाल नामक पात्र के घर से शुरू होती है, जिसे उसने रिहर्सल स्थल बना रखा है क्योंकि वह एक नाटक का निर्देशक है। लेकिन रिहर्सल के दौरान कोई भी कलाकार गंभीर नहीं दिखता। कलाकार, जो पहले एक छोटी भूमिका के लिए भी अनुरोध करते थे, अब बहाने बनाकर अभ्यास से गायब रहने लगे हैं। इसी बीच नया नौकर हर बार नई परेशानी खड़ी कर देता है। अनोखे लाल की चिंता तब और बढ़ जाती है जब उसे पता चलता है कि उसके प्रमुख कलाकारों में से एक व्यक्तिगत कारणों से नाटक नहीं कर पाएगा। अंततः वह अपने नौकर को उसी भूमिका में तैयार करने का निर्णय लेता है, जिससे हास्यास्पद स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। असली संकट तब आता है जब अनोखे लाल का असली पिता घर लौटता है और नौकर द्वारा की गई गलत पहचान के चलते हंगामा खड़ा हो जाता है।
नाटक में अभिनय करने वाले कलाकारों में विशाल शर्मा, कननप्रीत कौर, विजय भट, पवन वर्मा, गौरी ठाकुर, मिहिर गुज्जराल, कुशल भट और आर्यन शर्मा शामिल थे। प्रकाश संचालन नीरज कांत ने किया जबकि ध्वनि संयोजन वंदना ठाकुर ने संभाला। प्रस्तुति का संचालन कार्तिक कुमार ने किया और समन्वय मोहम्मद यासीन ने किया। यह प्रस्तुति दर्शकों को हँसी से लोटपोट करने के साथ-साथ थिएटर की वास्तविक चुनौतियों पर सोचने के लिए भी प्रेरित करती रही।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
