
जम्मू, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । नटरंग थिएटर समूह ने रविवार को हिंदी नाटक तीन अपाहिज का शानदार मंचन किया। यह नाटक प्रख्यात लेखक डॉ. विपिन कुमार अग्रवाल द्वारा लिखा गया है और इसका निर्देशन नीरज कांत ने किया। कार्यक्रम के अवसर पर नटरंग के निदेशक पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने कहा कि ऐसे बौद्धिक नाटक समाज और संस्कृति को नई दिशा देने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि दर्शकों और कलाकारों दोनों के लिए यह प्रस्तुतियां अमूल्य हैं और शहर में स्वस्थ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक वातावरण बनाने हेतु इन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
नाटक की पृष्ठभूमि एक चौराहे पर रखी गई है, जहां तीन पात्र, कल्लू, खल्लू और गल्लू, बेकार बैठे समाज और व्यवस्था पर टिप्पणी करते दिखते हैं। प्रतीकात्मक शैली में नाटककार ने राजनीतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक व्यवस्था की दिशा विहीनता पर प्रहार किया है। नाटक यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और निष्क्रियता ने युवाओं को लाचार बना दिया है और समाज सामूहिक रूप से अपाहिज होता जा रहा है।
तीनों पात्रों की भूमिकाएं पवन वर्मा, आर्यन शर्मा और कार्तिक कुमार ने जीवंत कीं। इनके साथ कृशय भाटिया ने ड्रमबीटर और कुषल भाट ने साइकिलवाले की भूमिका निभाई। नीरज कांत ने प्रकाश व्यवस्था संभाली जबकि ध्वनि का संयोजन कुषल भाट ने किया। शो का समन्वय मोहम्मद यासीन ने किया। नाटक में आज़ादी के मायने, नेताओं के खोखले भाषण, भारतीयता, भाषा और वर्ग जैसी बहसों के जरिए यह संदेश दिया गया कि आधुनिकता की दौड़ में समाज अपनी मानवीय संवेदनाओं को खोता जा रहा है और धीरे-धीरे अपाहिजपन की ओर बढ़ रहा है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
