
बिलासपुर , 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में लग्जरी गाड़ियों का काफिला लगाकर नेशनल हाईवे पर जाम करने के मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। इस मामले की गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बैंच में सुनवाई हुई। इस पूरे मामले को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने स्वतः संज्ञान में लिया और टिप्पणी कर कहा महंगी गाड़ियां जब्त क्यों नहीं की गई, बताए पुलिस ने क्या एक्शन लिया..? उन्होंने जनहित याचिका के रूप में केस की सुनवाई में हाईवे जाम करने वाली गाड़ियों को जब्त नहीं करने और मामूली कार्रवाई पर नाराजगी जताई। साथ ही इस मामले में शपथपत्र के साथ जवाब देने के लिए कहा है। जिसके बाद पुलिस का एक्शन भी दिखाई दिया।
जानकारी के मुताबिक बीते 3 दिन पहले नई कार खरीदने के बाद रात में शहर के एक युवक ने अपने दोस्तों के साथ बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे घूमने निकल गया। इस दौरान उसने दो नई कार और दोस्तों की कार बीच सड़क पर पार्किंग की और फोटो शूट करवाया। नेशनल हाईवे जाम करने पर वहां बड़ी गाड़ियों की कतार लग गई। लेकिन, किसी ने उन्हें कारें हटाकर रास्ता देने की बात कहने की हिम्मत नहीं जुटाई थी। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने सभी युवकों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 के तहत कार्रवाई की। आरोपित वेदांश शर्मा और अन्य युवकों के खिलाफ 2000-2000 रुपए की चालानी कार्रवाई की। पुलिस की चालानी कार्रवाई के अनुसार, रसूखदारों में वेदांश शर्मा, सिद्धार्थ शर्मा, यशवंत, दुर्गेश ठाकुर, विपिन वर्मा, अभिनव पांडेय शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया अधिकारियों को सभी युवकों की गाड़ी जप्त करने और लाइसेंस रद्द करने के लिए आरटीओ को लिखा है। वही गाड़ी चालकों पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए है। बता दें कि मामला उजागर होने पर पहले पुलिस ने केवल चालानी कार्रवाई की थी। और नाम सार्वजनिक नहीं किया था। जिसपर एसएसपी रजनेश सिंह ने हाइकोर्ट के निर्देश पर सोमवार को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi
