

गांधीनगर, 20 जून (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) ने आज अपने गुजरात परिसर में पेपरलेस परीक्षा प्रणाली को लागू करने के लिए अभूतपूर्व पहल की घोषणा की और चारुसैट विश्वविद्यालय, चांगा के साथ समन्वय में विभिन्न कार्यक्रमों में पेपरलेस परीक्षा आयोजित की। इस पर्यावरण अनुकूल परीक्षा प्रक्रिया में कुल 1,341 छात्र शामिल हुए, जो नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता में एक मील का पत्थर साबित हुई। यह अग्रणी कदम विश्वविद्यालय के शैक्षणिक ढांचे के भीतर पर्यावरणीय स्थिरता और परिचालन दक्षता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पेपरलेस परीक्षा प्रणाली का कार्यान्वयन पर्यावरण संरक्षण और शैक्षणिक प्रक्रियाओं को बढ़ाने के लिए आरआरयू के समर्पण को दर्शाता है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया में तेजी लाने और परिणामों की शीघ्र घोषणा सुनिश्चित करने के साथ-साथ इसके पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है। इस अभिनव दृष्टिकोण से उत्तर मूल्यांकन और परिणाम प्रसंस्करण के लिए आवश्यक समय में काफी कमी आने की उम्मीद है, जिससे छात्रों और शिक्षकों दोनों को लाभ होगा। इस तकनीक को अपनाने के कारण विश्वविद्यालय ने सात कार्य दिवसों के भीतर परिणाम घोषित कर दिया है। चांगा स्थित चारुसैट विश्वविद्यालय के साथ सहयोग शिक्षा के क्षेत्र में सहयोगात्मक नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
कागज़ रहित प्रणाली में परिवर्तन से कई लाभ मिलने की उम्मीद है। इनमें कागज़ की खपत में कमी, पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान; तेज़ मूल्यांकन प्रक्रिया, जिससे परिणाम की घोषणा जल्दी हो सके; और परीक्षा प्रणाली के भीतर बेहतर सुरक्षा और डेटा प्रबंधन की संभावना शामिल है। विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए एक सहज और कुशल परीक्षा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आरआरयू के एक प्रवक्ता ने कहा, यह पहल हमारे छात्रों और पर्यावरण की बेहतरी के लिए तकनीकी प्रगति को अपनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हमें विश्वास है कि यह नई प्रणाली समग्र परीक्षा अनुभव को बढ़ाएगी और अधिक टिकाऊ भविष्य में योगदान देगी।
कागज़ रहित परीक्षा प्रणाली के कार्यान्वयन से परीक्षा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, कागज़ की खपत कम करने और अधिक टिकाऊ परिसर के वातावरण में योगदान करने की उम्मीद है। यह पहल शैक्षणिक संस्थानों के भीतर डिजिटल परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप है। विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक पेशकशों को बढ़ाने और हरित भविष्य में योगदान देने के लिए अभिनव समाधानों की खोज जारी रखने की योजना बना रहा है।
(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad
