
जयपुर, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए), जयपुर द्वारा पहली बार “आयुर्वेद आहार” विषय पर एक विशेष राष्ट्रीय स्तरीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 25 अगस्त से 30 अगस्त 2025 तक एनआईए परिसर में आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम आयुर्वेद आहार की खोज : पारंपरिक आहार पद्धतियों पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण विषय पर आधारित होगा। जिसका उद्देश्य है पारंपरिक आयुर्वेदिक आहार सिद्धांतों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझना, उनके पोषण संबंधी लाभों का अध्ययन करना तथा उन्हें समकालीन चिकित्सा पद्धतियों में सम्मिलित करने के संभावित उपायों पर विचार-विमर्श करना।
यह आयोजन संयुक्त रूप से राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के रसशास्त्र एवं भैषज्य कल्पना विभाग एवं स्वस्थवृत्त एवं योग विभाग द्वारा आयुर्वेद से जुड़े चिकित्सकों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं के लिए आयोजित किया जा रहा है। जिसमे आयुर्वेद आहार से संबंधित शास्त्रीय ज्ञान, आधुनिक वैज्ञानिक विश्लेषण, और प्रयोगात्मक उपयोग पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य संवर्धन एवं रोग निवारण में पथ्य कल्पना की भूमिका पर विशेषज्ञ व्याख्यान, आयुर्वेद आहार की प्रभावी औषधीय रूपों को आधुनिक बाजार में अपनाने की संभावनाएं, विश्लेषण के लिए प्रयुक्त वैज्ञानिक उपकरण और तकनीकें, प्राकृतिक रंगों का
आयुर्वेद आहार उत्पादों की डिजाइनिंग, पोषण मूल्यांकन और पैकेजिंग समाधान, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खाद्य मानक और नियमों की जानकारी, वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद आहार की व्यावसायिक संभावनाओं के साथ और भी कई महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के रसशास्त्र एवं भैषज्य कल्पना विभाग एवं स्वस्थवृत्त एवं योग विभाग द्वारा आयुर्वेद से बनाए जा रहे आयुर्वेद आधारित आहार उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। यह प्रदर्शनी शोधकर्ताओं, शिक्षकों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के लिए उपयोगी होगी।
प्रोफेसर अनुपम श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष, रसशास्त्र एवं भैषज्य कल्पना विभाग ने बताया कि यह कार्यक्रम आयुर्वेद के शास्त्रीय ज्ञान को समकालीन वैज्ञानिक संदर्भों में प्रस्तुत करने का महत्वपूर्ण प्रयास है। इसके माध्यम से आयुर्वेद आहार को न केवल चिकित्सकीय दृष्टिकोण से बल्कि वैश्विक पोषण प्रणाली में भी समायोजित किया जा सकेगा। इस सीएमई कार्यक्रम में देशभर के 30 से अधिक शिक्षकों, वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं भाग लेंगे। साथ ही, एफएसएसएआई, सीएफटीआरआई, आयुष मंत्रालय और विभिन्न प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों से विशेषज्ञ शामिल होंगे।
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(Udaipur Kiran)
