
नारनाैल, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की ओर से जारी दिशानिर्देशानुसार आधार को जन्मतिथि के वैध प्रमाण के रूप में नहीं माना जाएगा। मंगलवार को उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने बताया कि यूआईडीएआई और डिजिटल इंडिया पहल के निर्देशों अनुसार हरियाणा सरकार के तहत आने वाले विभाग, बोर्डों व निगम जन्मतिथि सत्यापन के लिए आधार स्वीकार न करें और इसके बजाय संबंधित अधिकारियों द्वारा निर्धारित उपायुक्त दस्तावेजों का उपयोग करें।
हरियाणा सरकार के सभी विभागों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे डिजिटल रूप से सुरक्षित क्यूआर कोड के साथ सत्यापन योग्य प्रारूप में दस्तावेज जारी करने पर विचार करें। उन्होंने बताया कि ऐसे डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य दस्तावेजों को बाद में मशीन-पठनीय प्रारूप में डिजिलॉकर जैसे प्लेटफ़ॉर्म के साथ एकीकृत किया जा सकता है, जिससे विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा तेज़, सुरक्षित और विश्वसनीय सत्यापन संभव हो सकेगा। इससे प्रशासनिक दक्षता और नागरिक सुविधा में वृद्धि होगी। इसके अलावा विरासत रिकॉर्ड और दस्तावेज़ जो केवल भौतिक या गैर-सत्यापन योग्य डिजिटल रूप में मौजूद हैं, उनके डिजिटलीकरण की शुरुआत करने के लिए राज्य आवश्यक कदम उठाने पर भी विचार कर सकता है।
—————
(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला
