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थप्पड कांड में नरेश मीणा को राहत, निचली अदालत की कार्रवाई पर अंतरिम रोक

हाईकाेर्ट

जयपुर, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मतदान के दौरान बूथ पर एसडीएम को थप्पड मारने के मामले में टोंक की एससी, एसटी कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश नरेश मीणा की रिवीजन याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने अदालत को बताया कि प्रकरण साधारण मारपीट का है, जबकि उसे हत्या का प्रयास का बताकर रिपोर्ट दर्ज की गई। बूथ पर निर्वाचन आयोग की ओर से लगाए गए सीसीटीवी और मौके पर मौजूद तहसीलदार के मोबाइल से की गई रिकॉर्डिंग में एसडीएम का गला घोंटने जैसा कुछ रिकॉर्ड नहीं हुआ है। इसके अलावा एसडीएम की मेडिकल रिपोर्ट में भी न तो गले पर कोई चोट आई है और ना ही शरीर के अन्य हिस्से पर ऐसी कोई प्राणघातक चोट नहीं मिली है। मामले में पुलिस ने न सिर्फ बीएनएस की धारा 109(1) के तहत हत्या का प्रयास का मामला दर्ज किया। वहीं इसी धारा में आरोप पत्र भी पेश कर दिया। दूसरी ओर अदालत ने भी इसी धारा में याचिकाकर्ता पर चार्ज फ्रेम कर दिए। जबकि प्रकरण ज्यादा से ज्यादा साधारण मारपीट का ही बनता है। इसलिए उसके खिलाफ किए गए चार्ज फ्रेम आदेश को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।

गौरतलब है कि देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान समरावता गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार कर रखा था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा वहां ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठा था। इस दौरान मीणा ने अधिकारियों पर ग्रामीणों से जबरन मतदान कराने का आरोप लगाया और मतदान बूथ पर मौजूद एसडीएम अमित चौधरी से धक्का-मुक्की की और थप्पड मार दिया। घटना के बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच झडप भी हुई थी। इसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा के खिलाफ अलग-अलग कई मामले दर्ज किए थे। गत तीस मई को हाईकोर्ट ने थप्पड़ कांड में नरेश मीणा की द्वितीय जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे।

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(Udaipur Kiran)

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