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समरावता उपद्रव प्रकरण में नरेश मीणा को जमानत

समरावता उपद्रव प्रकरण

जयपुर, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने देवली-उनियारा विधानसभा उप चुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और एसडीएम के बीच हुई मारपीट के बाद समरावता में हुए उपद्रव को लेकर नरेश मीणा को राहत दी है। जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने आरोपित नरेश मीणा की तीसरी जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। निचली अदालत में जमानत-मुचलके पेश होने के बाद मीणा जेल से बाहर आएगा। वह बीते 13 नवंबर से जेल में बंद है।

याचिका में नरेश की ओर से अधिवक्ता फतेहराम मीणा ने कहा कि उसके खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना के चलते केस दर्ज किया है। उपद्रव में उसका कोई हाथ नहीं है और ना ही उसकी इसमें कोई सक्रिय भूमिका नहीं रही है। इसके अलावा प्रकरण में 144 गवाहों के बयान होने है। जिनके बयान पूरे होने में लंबा समय लगेगा। इसके अलावा प्रकरण से जुड़े सह आरोपितों को पूर्व में ही जमानत दी जा चुका है। इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि नरेश मीणा ने ही लोगों को उपद्रव के लिए उकसाया था। उसके कहने पर ही वाहन जलाए व पुलिसकर्मियों से मारपीट की गई। इस घटना में 27 पुलिसकर्मियों को चोटें आई है और 42 वाहन जले हैं। इसलिए उसे जमानत नहीं दी जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपित को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान समरावता गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार कर रखा था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा वहां ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठा था। इस दौरान मीणा ने अधिकारियों पर ग्रामीणों से जबरन मतदान कराने का आरोप लगाया और मतदान बूथ पर मौजूद एसडीएम अमित चौधरी से धक्का-मुक्की की और थप्पड मार दिया। घटना के बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच झडप भी हुई थी। इसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा के खिलाफ अलग-अलग कई मामले दर्ज किए थे। गत तीस मई को हाईकोर्ट ने थप्पड़ कांड में नरेश मीणा की द्वितीय जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे।

(Udaipur Kiran)

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