

-हरियाणा सरकार देगी एक करोड़ की सहायता व आश्रितों को नौकरी
-कैथल के गांव रोहेड़ा में राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि
कैथल, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए कैथल के गांव रोहेड़ा निवासी लांस नायक नरेंद्र सिंह सिंधु का बुधवार को उनके पैतृक गांव में सरकारी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। हजारों की भीड़ ने ‘भारत माता की जय’ और ‘नरेंद्र सिंधु अमर रहें’ के नारों के बीच उन्हें अंतिम विदाई दी।
28 वर्षीय नरेंद्र सिंधु वर्ष 2017 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। राष्ट्रीय राइफल्स में उनकी तैनाती श्रीनगर क्षेत्र में थी। बीते रविवार देर रात गश्त के दौरान कुलगाम में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में उन्होंने बहादुरी दिखाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। गांव में जैसे ही शहादत की खबर पहुंची, पूरा माहौल गमगीन हो गया। ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के इलाकों से लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
हरियाणा सरकार ने घोषणा की है कि शहीद नरेंद्र सिंधु के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, गांव रोहेड़ा के सरकारी स्कूल का नाम शहीद नरेंद्र सिंधु के नाम पर रखा जाएगा। कैथल के एसडीएम अजय सिंह ने प्रदेश सरकार की इस घोषणा के बारे में शहीद नरेंद्र सिंधु के परिजनों को बताया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने संदेश में कहा कि शहीद नरेंद्र सिंधु हरियाणा की धरती के सच्चे वीर सपूत थे। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, उनकी गाथा आने वाली पीढ़ियाें को प्रेरणा देती रहेगी।
चचेरे भाई ने दी मुखाग्नि
शहीद नरेंद्र सिंधु के पिता दलबीर सिंह और मां रोशनी देवी बेटे की वीरगति से टूट गए हैं। छोटे भाई वीरेंद्र अमेरिका में नौकरी करते हैं और शहादत की खबर पाकर गहरे सदमे में है। परिवार के मुताबिक नरेंद्र की शादी की तैयारियां चल रही थीं। अक्टूबर में वह छुट्टी लेकर घर आने वाले थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। रोहेड़ा गांव में शहीद नरेंद्र सिंधु का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। चचेरे भाई अंकित ने उन्हें मुखाग्नि दी। यह क्षण पूरे गांव और परिवार के लिए बेहद भावुक रहा। गांव की आंखें अश्रुपूर्ण थीं और हर कोई इस वीर सपूत को नम आंखों से अंतिम प्रणाम कर रहा था।
शहीद की अंतिम यात्रा में मानो पूरा जिला उमड़ आया। लोग तिरंगे झंडे और फूलों की मालाओं के साथ अपने लाल को अंतिम विदाई देने पहुंचे। सेना के जवानों ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें सलामी दी।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
