Uttar Pradesh

काशी के लक्खा मेले में शुमार चेतगंज की नक्कटैया 10 अक्टूबर को, तैयारी अंतिम चरण में

काशी के लक्खा मेले में शुमार चेतगंज की नक्कटैया की जानकारी देते पदाधिकारी

वाराणसी, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । धर्म नगरी वाराणसी (काशी) के लक्खा मेलों में शुमार चेतगंज की नक्कटैया इस बार 10 अक्टूबर को सम्पन्न होगी। मेले में परम्परागत लाग विमान स्वांग आकर्षण के केन्द्र रहेंगे। प्रयागराज, मिर्जापुर, जौनपुर, ज्ञानपुर, आजमगढ़, फूलपुर, प्रतापगढ़ आदि स्थानों के लाग विमान इस वर्ष भी नक्कटैया मेले में शामिल होंगे।

बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री चेतगंज रामलीला समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता व वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेंद्र गिरी ने यह जानकारी दी। पदाधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष नक्कटैया का 139 वां वर्ष है। इस मेले की शुरूआत स्मृतिशेष बाबा फतेह राम ने वर्ष 1887 में अंग्रेजों के अत्याचार से उबकर कराया था। मेले में लाग विमान स्वांग इत्यादि के माध्यम से अंग्रेजों द्वारा किए जा रहे अत्याचार को नक्कटैया के माध्यम से लोगों के बीच प्रस्तुत कर स्वाधीनता आंदोलन की अलख जगाई गई। खास बात यह है कि बाबा फतेह राम अंग्रेजों के दमन पर आधारित लाग विमान इस नक्कटैया में शामिल करते थे और तत्कालीन अंग्रेज कलेक्टर से ही नक्कटैया के जुलूस का उद्घाटन कराते थे। जुलूस का उद्घाटन मध्यरात्रि 12 बजे कराया जाता है। महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद और उनके सभी क्रांतिकारी साथी मेलार्थी बनकर नक्कटैया में शामिल होते। चेतगंज क्षेत्र स्थित सरस्वती वाचनालय उनके मिलने की जगह हुआ करता था। आजादी के बाद दहेज, बाल विवाह, विधवा विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों के साथ सियासी विसंगतियां, भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी वगैरह पर लाग विमान स्वांगों से तीखे प्रहार किए। गंगा की निर्मलता-अविरलता, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता के संदेश भी दिए। इस रामलीला में लक्ष्मण अमर्यादित सूर्पणखा की नाक काट कर आसुरी शक्ति को चुनौती देते हैैं, जिसके जबाब में राम-लक्ष्मण के विरुद्ध सूर्पणखा व उसके भाई खर-दूषण द्वारा आसुरी सैन्य -शक्ति प्रदर्शन और राम से युद्ध की यात्रा का जुलूस ही नक्कटैया मेले का आकर्षण बनती रही है।

मेला क्षेत्र की सड़कें और गलियों की मरम्मत की मांग

समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि मेला क्षेत्र की मुख्य सड़कें लहुराबीर चौराहे से बेनिया तिराहे, वंदना होटल से चेतगंज हनुमान मंदिर तक, चेतगंज चौराहा से पानदरीबा रोड एकदम खराब है। विकास कार्यों के नाम पर मेला क्षेत्र की सभी गलियां खोदकर छोड़ दी गई हैं। मेला क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण अंचलों से लाखों की संख्या में लोग आते हैं। इसको देखते हुए शासन से मांग है कि सड़कों को मेला के पहले दुरूस्त कराया जाए। पूरे मेला क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट, पानी टैंकर, जनरेटर की व्यवस्था जल संस्थान व नगर निगम वाराणसी के द्वारा हर वर्ष होती है, इस बार भी ये व्यवस्था समय पर होनी चाहिए।

समिति के पदाधिकारी अजय गुप्ता व महेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि मलदहिया पटेल चौराहा, पिशाच मोचन, थाना चेतगंज, लहुराबीर, कबीर रोड, चाऊरछटवा रोड, बाग बरियार सिंह,चेतगंज चौराहा, बेनिया बाग तिराहा आदि क्षेत्र मेले में आते हैं । ऐसे में विद्युत विभाग से भी हम आग्रह करते हैं कि मेला क्षेत्र को रात्रि कालीन बिजली कटौती से मुक्त रखा जाए।

पदाधिकारियों के अनुसार काशी के चार पारंपरिक लक्खा मेलों में शुमार चेतगंज की नक्कटैया आर्थिक संकट से भी गुजर रही है। जन सहयोग से होने वाली लीला लोगों के वार्षिक चंदे से किसी प्रकार पूरा किया जाता है। पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वाराणसी सांसद व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि विश्व प्रसिद्ध चेतगंज नक्कटैया के लिए अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए उसे अपने संसदीय कोष से अनुदान राशि प्रदान करें।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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