
पूर्वी सिंहभूम, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । बागबेड़ा थाना क्षेत्र के नागाडीह में 18 मई 2017 को हुए चर्चित मॉब लिंचिंग कांड में गुरुवार को जमशेदपुर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। प्रथम अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश बिमलेश सहाय की अदालत ने इस मामले में पांच आरोपितों को दोषी करार दिया, जबकि अन्य आरोपितों को बरी कर दियाा। दोषियों की सजा पर फैसला आठ अक्तूबर को सुनाया जाएगा।
अदालत ने राजाराम हांसदा (जेल में बंद), गोपाल हांसदा, सुनील सरदार, तारा मंडल और रंगो पूर्ति को दोषी ठहराया है। वहीं विभीषण सरदार, बाबू सरदार, डॉक्टर मार्डी, जगत मार्डी, डॉक्टर टुडू और सुभाष हांसदा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
उल्लेेेेखनीय है कि नागाडीह में बच्चा चोरी की अफवाह पर भीड़ ने जुगसलाई नया बाजार निवासी दो भाई विकास वर्मा और गौतम वर्मा, उनकी दादी रामसखी देवी एवं गाढ़ाबासा निवासी गंगेश गुप्ता की निर्मम तरीके से पिटाई कर हत्या कर दी। यह घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई थी, जब भीड़ ने जीप से पीड़ितों को खींचकर ईंट-पत्थर से मार डाला। मौके पर ही तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि रामसखी देवी की इलाज के दौरान टीएमएच में मौत हुई थी। इस जघन्य वारदात से पूरे झारखंड में सनसनी फैल गई थी।
वहीं अदालत के इस फैसले पर पीड़ित परिवार ने नाराजगी जताई है। परिजनों का कहना है कि न्याय अधूरा रह गया है और वे पूर्ण न्याय के लिए उच्च न्यायालय की शरण लेंगे। उनका सवाल है कि क्या सिर्फ पांच ही लोग इस हत्या के जिम्मेदार थे, जबकि भीड़ में सैकड़ों लोग शामिल थे।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद पाठक
