
जबलपुर, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा जबलपुर के नागरिकों को बेहतर मूलभूत सुविधाए प्रदान करने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं के अंतर्गत बाढ़ नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए 222 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत कर नगर निगम जबलपुर को एक बड़ी राशि की सौगात दी गयी है। इस संबंध में बुधवार काे पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए महापौर एवं निगमायुक्त ने बताया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा चौथे चरण के अंतर्गत 11 शहरों में जबलपुर का नाम भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि शहर में आपदा प्रबंधन अंतर्गत बाढ़ नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए नगर निगम जबलपुर को 222 करोड़ रूपये की राशि देने स्वीकृति प्रदान की गयी है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा नगरीय बाढ़ नियंत्रण एवं रोकथाम योजना फेस-04 अंतर्गत जबलपुर शहर को शामिल किया गया है,जिसके अंतर्गत उक्त योजना अंतर्गत पूरे शहर का वर्षा जल निकासी हेतु सर्वे प्रक्रिया,कंटूरिंग,3डी एलिवेशन मॉडल एवं पिछले 50 वर्षो का वर्षा जल डाटा तथा उसकी तीव्रता का आंकलन कर शहर में वर्तमान में निर्मित नालो की क्षमता का पुनः आंकलन कर “वर्षा जल निकासी हेतु मास्टर प्लान” तैयार कर डी.पी.आर. तैयार करना एवं कार्य का सुपरविजन कराया जाना है।
उक्त योजना में जबलपुर शहर में बाढ़ नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु कार्य प्रस्तावित किये गये हैं जिसके अंतर्गत प्राकृतिक आधारित समाधान जैसे – जलप्लावन क्षेत्रो में स्थित तालाबो का जीर्णोद्वार, अतिक्रमण मुक्त कराया जाकर उनके चारो ओर बाउन्ड्री एवं मैकेनिकल सुलूश गेट इत्यादि बनाकर उनकी जल एकत्रित करने की क्षमता बढ़ाई जायेगी। शहर के कई हिस्सों में एवं सड़क किनारे व्यापक रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन) एवं परमेबल (पारगम्य) पेवर का कार्य कराया जाकर स्पंज (पानी सोखने बाबत) जोन निर्माण कराया जायेगा एवं शासकीय भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाये जायेगें।
महापौर एवं निगमायुक्त ने पत्रकारवार्ता में बताया कि अन्य समाधान जैसे – शहर के जलप्लावन से ग्रसित छूटे सभी बड़े नालो का निर्माण तथा उनमें जुड़ने वाली नालियों एवं पुलियों का निर्माण कार्य कराना। शहर के लो-लाइन एरिया में आवश्यकता अनुसार कृत्रिम तालाब अथवा मोबाइल पम्पिंग स्टेशन की व्यवस्था कराना। महापौर एवं निगमायुक्त ने बताया कि उक्त सम्पूर्ण कार्य हेतु समयावधि निर्धारित की गयी है। जिसमें भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप डी.पी.आर.तैयार करने हेतु – 4 माह एवं तैयार डी.पी.आर.अनुसार कार्य करने हेतु 18 माह का लक्ष्य निर्धारित गया है।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
