
कानपुर, 18 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के मोती झील स्थित नगर निगम मुख्यालय के पशु चिकित्सा विभाग ने निराश्रित श्वानों (स्ट्रीट डॉग) की बढ़ती समस्या पर लगाम लगाने व उनकाे व्यवस्थित भोजन उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम ने एक बड़ी व महत्वपूर्ण पहल की है। यह जानकारी गुरूवार को नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने दी।
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश (22 अगस्त 2025) और पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम-2023 के अनुपालन में नगर निगम कानपुर ने शहर के विभिन्न इलाकों में 55 पेट फीडिंग सेंटर शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन डाॅग फीडिंग सेंटरों का चयन इस तरह से किया गया है कि वे बच्चों के खेल स्थलों, स्कूलों, बुजुर्गों की आवाजाही वाले स्थानों और भीड़-भाड़ वाले मार्गों से दूर हों।
नगर आयुक्त का कहना है कि सामुदायिक श्वानों को अब सिर्फ इन निर्धारित स्थलों पर ही भोजन कराया जाएगा। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि फीडिंग सेंटरों की स्थापना से न केवल श्वानों को सुरक्षित ढंग से भोजन मिलेगा, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि श्वानों का स्वभाव क्षेत्रीय होता है और यदि उन्हें उनके क्षेत्र से बाहर भोजन के लिए भटकना पड़े तो अक्रामकता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। निर्धारित भोजन स्थल इस समस्या को काफी हद तक रोकेंगे।
सीवीओ डॉ आरके निरंजन ने कहा कि यह भी स्पष्ट किया गया है कि भोजन कराने वाले पशु प्रेमियों को स्थल पर स्वच्छता बनाए रखनी होगी और बचा हुआ भोजन सुरक्षित तरीके से निस्तारित करना होगा। साथ ही उन्हें निगम के बंध्याकरण और टीकाकरण कार्यक्रम में भी सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें नागरिकों को यह बताया जाएगा कि सामुदायिक श्वानों से कैसे व्यवहार करें और उन्हें जिम्मेदारीपूर्वक कैसे भोजन कराएं।
सीवीओ ने बताया कि निराश्रित श्वानों की देखभाल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले निकायों, एनजीओ और पशुप्रेमियों को राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 55 पेट फीडिंग सेंटर शुरू होने से शहर में न सिर्फ आवारा श्वानों की समस्या नियंत्रित होगी बल्कि मानव और पशु के बीच बेहतर सह-अस्तित्व का माहौल भी बनेगा।
(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद
