
नई दिल्ली, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुंबई में 11 जुलाई, 2006 की शाम लोकल ट्रेन बम धमाकों के मामले में आज बॉम्बे हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले को जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने न्याय और सच्चाई की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि यह उन परिवारों के लिए बहुत बड़ा दिन है, जिनके बेटे 19 साल से झूठे आरोपों में जेल में सज़ा काट रहे थे।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हमारे वकीलों ने दिन-रात मेहनत की और ऐसी ठोस दलीलें दीं कि अभियोजन पक्ष का पूरा झूठ उजागर हो गया। उन्होंने कहा कि यह फैसला एक बार फिर हमारे उस लंबे समय से उठाए जा रहे मुद्दे को साबित करता है कि मुस्लिम युवकों को आतंकवाद के झूठे आरोपों में फंसा कर उनकी जिंदगी बर्बाद करना एक सोची-समझी साजिश है। यह न केवल निर्दोषों को जेल की सलाखों के पीछे डालता है, बल्कि एक पूरी क़ौम को बदनाम भी करता है। उन्होंने कहा कि जब तक पुलिस और जांच एजेंसियों की जवाबदेही तय नहीं की जाएगी, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी और निर्दोषों का जीवन इसी तरह बर्बाद होता रहेगा।
मौलाना ने बताया कि हमारी टीम ने अदालत में लगातार कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार 12 निर्दोषों को बाइज्जत रिहाई दिलाई, जिनमें 5 को फांसी और 7 को उम्रकैद हो चुकी थी।
(Udaipur Kiran) /मोहम्मद ओवैस
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(Udaipur Kiran) / Abdul Wahid
