
मथुरा, 06 जुलाई (Udaipur Kiran) । गोवर्धन में एकादशी के अवसर पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, श्रद्धालु दानघाटी मंदिर में गिरिराज महाराज के दर्शन के बाद परिक्रमा कर रहे हैं। पूरा गोवर्धन क्षेत्र रविवार रात्रि ’गिर्राज धरण की जय’ के जयकारों से गूंज रहा है। स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मुड़िया पूर्णिमा मेले के कारण पहले से ही यहां भक्तों की भीड़ बढ़ रही है। एकादशी से शुरू हुआ यह भक्ति पर्व पूर्णिमा तक चलेगा। इस दौरान श्रद्धालुओं की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है। मान्यता है कि गिरिराज पर्वत की परिक्रमा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
मुड़िया पूर्णिमा मेला बीतीरात से गति पकड़ गया, श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बन रही है। 21 किलोमीटर लंबे दोनों परिक्रमाओं के मार्ग में आस्था और श्रद्धा का अनूठा संगम देखने को मिला। गिर्राज महाराज के जयकारे परिक्रमा मार्ग में गूंजते रहे। विभिन्न प्रदेशों से महिला पुरूष गाते बजाते और राधाकृष्ण, गिरिराज महाराज का कीर्तन करते गिरि गोवर्धन धाम की परिक्रमा कर रहे हैं। मंदिरों के आसपास गिर्राज महाराज के चरणों में नभते शीष इस बात का प्रमाण हैं कि प्रभु के प्रति लोगों में भारी आस्था है। अभी मुड़िया पूर्णिमा मेले में तीन दिन हैं। लेकिन परिक्रमा का क्रम बीतीरात से तेज हो गई है। प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों के लिये अच्छी व्यवस्थायें की गयी हैं लेकिन भारी संख्या में लगे भण्डारे और पीने के पानी की प्याऊओं ने नगर पंचायत और प्रशासन की लाज रख ली है। गरीब तीर्थयात्रियों का सहारा बने ये भण्डारे और प्याऊ उन श्रद्धालुओं के लिये महत्वपूर्ण हैं जो गरीबी में भी आस्था और भक्ति से जुड़े हैं। गिरिराज धाम में इनका जोरदार स्वागत करते दूर-दूर से आये श्रद्धालुओं के टोल परिक्रमार्थियों के भोजन पानी के लिये जुटे हुये हैं। परिक्रमा मार्ग में सफाई व्यवस्था अच्छी है और रोशनी के इंतजाम भी कुछ स्थानों को छोड़कर अच्छे ही थे। आज सुबह से ही गोवर्धन धाम में परिक्रमा का क्रम चल रहा है। मथुरा में जहां दोपहर बाद बरसात हुयी वहीं गोवर्धन में मेघों ने गिरिराज महाराज के आगे बरसना उचित नहीं समझा। बादल घिरे हुये हैं और परिक्रमार्थी आस्था के साथ परिक्रमा कर रहे हैं। दानघाटी मंदिर, मुकुट मुखारबिंद और जतीपुरा मुखारबिन्द मंदिर के अलावा राधाकुण्ड में भी श्रद्धालुओं की भीड़ है।
(Udaipur Kiran) / महेश कुमार
