
मथुरा, 08 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुड़िया शोभायात्रा निकालने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। 468 साल पुरानी परम्परा को तोड़ कर राधाकुण्ड में अलग मुड़िया शोभायात्रा निकालने की तैयारी हो रही है। इसको लेकर असली मुड़िया संतों में नाराजगी है और नई परम्परा जन्म न ले, इसलिए मंगलवार को एसडीएम को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब हो कि गोवर्धन में सनातन गोस्वामी के गोलोक गमन होने के बाद उनके अनुयायी शिष्यों ने श्री राधा श्याम सुंदर मंदिर से सिर मुंडन कराकर सन 1588 में यात्रा निकालकर गिरिराज परिक्रमा लगाई गई थी। तभी से उनके अनुयायी शिष्य इस शोभायात्रा को हर साल मुड़िया शोभायात्रा के नाम से निकालते चले आ रहे हैं। हर वर्ष सुबह राधा श्याम सुंदर मंदिर के महंत रामकृष्ण दास और शाम को चैतन्य महा प्रभु मंदिर चकलेश्वर से श्याम सुंदर दास के नेतृत्व में पारम्परिक मुड़िया शोभायात्रा निकाली जा रही है। इस बार 10 जुलाई को गोवर्धन में दो शोभायात्रा निकाली जाएंगी। इसी दौरान अब नई परम्परा राधाकुण्ड में मुड़िया शोभायात्रा निकालने की तैयारी पर विवाद खड़ा हो गया। राधा श्याम सुंदर मंदिर के महंत रामकृष्ण दास ने राधाकुण्ड के बंगाली केशव दास के खिलाफ कार्रवाई के लिए मंगलवार एसडीएम को ज्ञापन देकर इस परम्परा को रोकने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में बाबा पवन गौरांग राम, संत हरेकृष्ण दास, सखी चरन दास, वृंदावन दास, राधाश्याम दास, काली चरन दास, गौरांग दास तथा सुभम दास आदि शामिल थे।
मंगलवार शाम राम कृष्ण दास ने बताया कि केशव दास राधाकुण्ड में मुड़िया शोभायात्रा निकालने की तैयारी कर रहा है, जो धार्मिक परम्परा की मर्यादा के खिलाफ है। राधाकुण्ड में मुड़िया शोभा यात्रा का कोई महत्व नहीं है। जब गोवर्धन में शोभायात्राएं निकलती आ रही हैं तो नई परम्परा डालने की कोशिश क्यों हो रही है। इस संबंध में संतों ने एसडीएम गोवर्धन को ज्ञापन दिया है।
(Udaipur Kiran) / महेश कुमार
