
पेंच टाइगर रिजर्व में लोहे के स्क्रैप मटेरियल से एक विशालकाय बाघ प्रतिमा का निर्माण पूर्णता की ओर
सिवनी, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । मिशन लाईफ के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा तीन आर (3R) सूत्रों, रिड्यूस (Reduce), रियूस (Ruse) एवं रिसाईकल (Recycle) के भावना के अंतर्गत पेंच टाइगर रिजर्व में लोहे के स्क्रैप मटेरियल से एक विशालकाय बाघ प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। जनवरी महिने में लोहे के अनुपयोगी सामग्रियों जैसे पुरानी साईकिल, पाईप, जंग लगी लोहे की चादरें आदि विविधतापूर्ण सामग्रियों से उक्त प्रतिमा का निर्माण प्रारम्भ किया गया था और अब वह लगभग अपनी पूर्णता की ओर है।
पेंच टाइगर रिजर्व उप संचालक रजनीश कुमार सिंह (भा.व.से.) ने शुक्रवार को हिस को बताया कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेक इन इंडिया का प्रतीक चिन्ह एक सिंह को बनाया था और वह सिंह भी अनुपयोगी लोहे की सामग्री से बना डिजाइन था उसी से प्रेरणा लेकर लोहे के सक्रैप मटेरियल के इस बाघ कलाकृति की संकल्पना की गई है।
यह तथ्य भी महत्वपूर्ण है कि इंटरनेट में उपलब्ध वर्ल्ड रिकार्ड एकेदमी के अनुसार दुनिया में सबसे बड़ी बाघ की मूर्ति अमेरिका के जार्जिया राज्य में है जो 8 फिट ऊंची और 14 फिट लंबी है। जबकि पेंच टाइगर रिजर्व में बन रही लोहे के स्क्रैप मटेरियल की यह बाघ कलाकृति पूर्ण होने के उपरांत 16 फिट से अधिक उंची एवं 36 फिट से भी अधिक लंबी होगी।
(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया
