
– फर्स्ट एड बॉक्स नहीं पाए जाने पर नहीं मिलेंगे परमिट
भोपाल, 25 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग ने 22 सितम्बर से वाहनों की चेकिंग के लिये एक विशेष अभियान चलाया हुआ है। अभियान के दौरान इस बात पर विशेष ध्यान दे रहा है कि बगैर फर्स्ट एड बॉक्स के वाहन सड़क पर न चलें। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिये थे कि यात्रियों की सुरक्षा के लिये बसों में फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य रूप से हो।
चालान की हुई कार्रवाई
परिवहन विभाग ने गुरुवार को प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 1718 यात्री बसों की जाँच की गई और जिन बसों में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं पाये गए उन पर चालानी कार्रवाई की गई। परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यात्री बसों को परमिट जारी करने के पहले फर्स्ट एड बॉक्स की जाँच की जाये। फर्स्ट एड बॉक्स न होने पर विभाग परमिट जारी नहीं करेगा।
ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन में पायी गयी अनियमितता
परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने उप परिवहन आयुक्तों को ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) के निरीक्षण के भी निर्देश दिये थे। जबलपुर में मनाली इण्डस्ट्रीज एटीएस की जाँच की गयी। इस एटीएस में अनियमितता पायी गयी। जाँच में पाया गया कि जिन वाहनों में एचएसआरपी और रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप नहीं लगी थी, उनका भी फिटनेस जारी किया जाना पाया गया। इसके साथ ही एटीएस के स्टॉफ का निर्धारित प्रशिक्षण होना नहीं पाया गया। जाँच के बाद उक्त एटीएस को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
आईआईटी के साथ मिलकर बनायी जायेगी स्पीड मैनेजमेंट पॉलिसी
परिवहन विभाग की पहल पर आईआईटी खड़गपुर की टीम और कंज्यूमर वाइज़ संस्था द्वारा भोपाल में स्पीड मैनेजमेंट को लेकर स्टेक होल्डर कॉन्सिलेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस में वाहनों के तेज गति से होने वाली दुर्घटनाओं और मृत्यु के आँकड़ों में किस प्रकार से कमी लाई जाये, इस पर मंथन किया गया। आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर डॉ. भार्गव मैत्रा द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर भौगोलिक स्थिति के अनुसार डायनिमिक स्पीड लिमिट तय करने और सड़क सुरक्षा के विभिन्न उपलब्ध समाधान पर प्रकाश डाला गया। यह तय हुआ कि उन स्थानों को चयनित किया जाये, जहाँ दुर्घटना की ज्यादा संभावना है। वहाँ नागरिकों को नि:शुल्क परामर्श दिया जाये। इसी के साथ उन चयनित स्थानों पर टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्पीड की जाँच और उल्लंघन होने पर लायसेंस को निलंबित करने की अनुशंसा की गयी। इस पूरी प्रक्रिया के लिये आईआईटी खड़गपुर विस्तृत प्रस्ताव परिवहन विभाग को देगा। कॉन्फ्रेंस में असीम सान्याल, सीईओ कंज्यूमर वाइज़ एवं एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम एवं आरआरडीए के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
(Udaipur Kiran) तोमर
