Madhya Pradesh

मप्रः राष्ट्रीय टेक-हैकाथॉन में तलाशे जाएंगे सिंहस्थ-2028 के लिए स्मार्ट टेक-सॉल्यूशंस

सिंहस्थ (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भोपाल, 24 जून (Udaipur Kiran) । विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने राष्ट्रीय टेक हैकाथॉन के माध्यम से सिंहस्थ 2028 के लिए स्मार्ट-टेक सॉल्यूशंस की खोज कर रहा है। हैकाथॉन का उद्देश्य पूरे देश के प्रतिभाशाली नवाचारकर्ताओं को एक मंच पर लाकर ऐसे स्मार्ट और व्यावहारिक तकनीकी सॉल्यूशंस विकसित करना है, जिससे दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजनों में से एक सिंहस्थ के प्रबंधन, सुरक्षा को पुख्ता और श्रद्धालुओं के अनुभव को सुखद बना सकें। हैकेथॉन में भाग लेने के लिये पंजीयन प्रक्रिया 26 जून 2025 से प्रारंभ होगी।

जनसम्पर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने मंगलवार को बताया कि हैकाथॉन में भाग लेने के लिए पंजीकृत स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई, निजी कंपनियाँ, मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान और शोध संगठन पात्र होंगे। किसी पंजीकृत संस्था से संबद्ध विद्यार्थी और स्वतंत्र डेवलपर्स भी हैकाथॉन में व्यक्तिगत रूप से भाग ले सकेंगे। चयनित टीमों को डीपीआईआईटी स्टार्ट अप सर्टिफिकेट, एमएसएमई/उद्योग पंजीयन, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी दस्तावेज़ या संस्थान के पहचान पत्र जैसे प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे। हैकाथॉन के लिये चार थीम तय की गई है। चार थीमों में स्मार्ट मोबिलिटी एवं एक्सेस मैनेजमेंट, सुरक्षा, निगरानी और आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन, डिजिटल अनुभव और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति जैसे विषयों पर फोकस किया जाएगा। चयनित प्रतिभागियों को आइडिया-प्रेजेंटेशन, प्रोटोटाइप निर्माण और फाइनल प्रतियोगिता के कई चरणों से गुजरना होगा। यहां वे अपने समाधान सरकारी अधिकारियों, उद्योग विशेषज्ञों और तकनीकी नेतृत्व के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।

उन्होंने बताया कि हैकेथॉन के माध्यम से उज्जैन में यातायात की सुगमता, पार्किंग प्रबंधन, रूट ऑप्टिमाइजेशन और वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों के लिए सुलभ आवाजाही सुनिश्चित करने वाले सॉल्यूशंस, रीयल टाइम क्राउड मैनेजमेंट, आपातकालीन प्रतिक्रिया, एआई आधारित निगरानी और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों के लिए पूर्वानुमान लगाने वाले उपकरणों, सार्वजनिक स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, स्वच्छ जल आपूर्ति और त्वरित चिकित्सा सहायता के लिए स्मार्ट टेक-सॉल्यूशंस प्रस्तुत किये जाएंगे। हैकाथॉन में श्रद्धालुओं के सिंहस्थ तीर्थाटन के अनुभव को सुखद बनाने वाले इंटरेक्टिव मोबाइल ऐप्स, सूचना प्रणाली, पर्यावरणीय व्यवहार प्रोत्साहन और सांस्कृतिक कथाओं का तकनीकी प्रस्तुतीकरण करने वाले टेक-सॉल्यूशंस भी प्रस्तुत किये जाएंगे।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने देशभर के स्टार्टअप्स, शैक्षणिक नवाचारकर्ताओं और तकनीकी विशेषज्ञों से इस आयोजन की अधिक जानकारी बेवसाइट https://mpsedc.mp.gov.in/ से प्राप्त कर सकते है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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