
– आईटीआई में प्रवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योग संस्थान कर रहे सहयोग
भोपाल, 26 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश में सत्र 2025 के लिए शासकीय आईटीआई में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। प्रवेश पहले आओ, पहले पाओ के माध्यम से 30 सितम्बर तक किए जा रहे हैं। प्रशिक्षणार्थियों के प्रवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में नवाचारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत समाजसेवी संस्थाएं, उद्योग एवं अधिकारी अपने स्तर पर जरूरतमंद विद्यार्थियों की प्रवेश फीस वहन कर रहे हैं। स्किल हर प्रोजेक्ट और ट्राईडेंट ग्रुप की साझेदारी से 40 महिलाओं को आईटीआई में प्रवेश दिया गया है।
जनसम्पर्क अधिकारी बबीता मिश्रा ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि शासकीय आईटीआई ओरछा, जिला निवाड़ी में महिलाओं के प्रवेश को प्रोत्साहित करने के लिए आरआईएसएचटीए (RISHTA) योजना के तहत आईएमसी अध्यक्ष राजू परवार (हिस्कोन इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड) ने सीएसआर मद से अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की 10 महिला प्रशिक्षणार्थियों की प्रवेश फीस 60 हजार 900 रुपये का भुगतान किया।
शासकीय आईटीआई बालाघाट में प्रवेश कैंपेन के दौरान कोमल वंशकार नामक बालिका की आर्थिक परिस्थिति को देखते हुए आर.ई.एस विभाग के सहायक यंत्री बैंकटेश कौशिक ने बालिका के पूरा प्रवेश शुल्क स्वयं वहन किया। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि आगे चलकर संत शिरोमणि ग्लोबल स्किल्स पार्क, भोपाल में प्रवेश लेने पर भी उसकी सम्पूर्ण फीस वे ही जमा करेंगे।
शासकीय आईटीआई जावद जिला नीमच में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अल्ट्राटेक सीमेंट ने पहल की है। संस्था से जुड़े 17 ग्रामों की पात्र महिला प्रशिक्षणार्थियों के प्रवेश पर प्रति छात्रा 3250 रुपये की प्रथम किश्त का भुगतान किया जाएगा। वर्तमान में 20 महिला प्रशिक्षणार्थियों का प्रवेश हो चुका है, जिनकी प्रथम किश्त की राशि प्रभारी प्राचार्य ने जमा की है। अल्ट्राटेक सीमेंट ने सीएसआर के अंतर्गत 80 लीटर क्षमता का वाटर कूलर एवं आर.ओ. वाटर प्यूरीफायर भी उपलब्ध कराया है।
इसी प्रकार शासकीय आईटीआई शाहगंज, जिला सीहोर में ‘Skill Her’ प्रोजेक्ट के अंतर्गत ट्राईडेंट ग्रुप बुदनी ने Flexi एमओयू कर महिलाओं को रोजगारोन्मुखी निशुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। इस पहल के तहत स्विंग टेक्नोलॉजी व्यवसाय की 40 महिला प्रशिक्षणार्थियों की प्रवेश की 2 लाख 43 हजार 600 रुपये का भुगतान ट्राईडेंट ग्रुप द्वारा सीएसआर मद से किया जा रहा है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से सामने आ रहे ऐसे नवाचारी उदाहरण यह सिद्ध कर रहे हैं कि उद्योग जगत एवं अधिकारी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कौशल विकास की दिशा में ठोस योगदान दे रहे हैं। इन पहलों से न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी मिलेगा।
(Udaipur Kiran) तोमर
