सिरसा, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के कर्मचारियों को हटाने के आदेशों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सरकार विधानसभा में अध्यादेश लाकर कर्मचारियों को सेवा- सुरक्षा की गारंटी देने का दावा करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर विभागीय आदेशों से कर्मचारियों को हटाया जा रहा है।
एक ओर सीएम आश्वासन देते हैं कि कोई कर्मचारी नहीं हटाया जाएगा तो दूसरी ओर उनके अधिकारी कर्मचारियों को रिलीव करने में लगे हुए हैं। या तो सीएम इस प्रकार का बयान देकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं या अधिकारी उनकी मान नहीं रहे हैं।
सांसद सैलजा ने गुरुवार को मीडिया को जारी प्रेस बयान में कहा है कि रोहतक सिंचाई विभाग के एक्सईएन डब्ल्यूएस/मैकेनिकल डिवीजन की ओर से 19 अगस्त को जारी पत्र में विभिन्न पदों पर कार्यरत दस कर्मचारियों को केवल इस आधार पर हटाने के आदेश दिए गए कि उनकी सेवा अवधि पांच वर्ष से कम है। यह सरकार के वादों और हकीकत के बीच के विरोधाभास को उजागर करता है। कुमारी सैलजा ने कहा कि वर्षों से सेवा कर रहे कर्मचारियों को पहले आए-पहले हटे जैसे प्रावधानों के तहत बेरोजगार करना न केवल नाइंसाफी है, बल्कि उनके परिवारों की रोजी-रोटी छीनने जैसा है। सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एचकेआरएन समेत सभी संविदा और अस्थायी कर्मचारियों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि एचएकेआरएन के तहत कार्यरत कर्मचारियों को निकालने के बजाए उन्हें ही नियमित किया जा सकता था। इस आदेश से साफ हो गया हैै कि प्रदेश की भाजपा सरकार को युवाओं के भविष्य से कुछ भी लेना देना नहीं है सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।
सैलजा ने कहा है कि प्रदेश में विभिन्न विभागों में कई लाख पद खाली पड़े हुए हैं, अगर सरकार भर्ती करना चाहती है तो उन खाली पदों पर भरने पर ध्यान दें। जो पहले से कार्यरत हैं, उन्हें नौकरी से हटाने पर समाज में अव्यवस्था पैदा होगी। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की है कि एचकेआरएन कर्मचारियों को हटाने के सभी आदेश तुरंत रद्द किए जाएं और विधानसभा में पारित सेवा सुरक्षा गारंटी कानून को पूरी ईमानदारी से लागू किया जाए।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
