Madhya Pradesh

मप्र सरकार मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध: उप मुख्यमंत्री शुक्ल

राजेन्द्र शुक्ल (फाइल फोटो)

– सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने जारी हुए आदेश

भोपाल, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) बनाने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इससे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सुदृढ़ होंगी, जिला चिकित्सालयों पर दबाव कम होगा तथा लोगों को नजदीक ही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने बुधवार को एक बयान में कहा कि पहले चरण में प्रदेश के चिन्हित अक्रियाशील एफआरयू के सुचारू संचालन के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा चिन्हित स्वास्थ्य संस्थाओं में तीन प्रकार की विधाओं (स्त्री रोग, शिशु रोग एवं निश्चेतना) के पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री / डिप्लोमा बाण्ड अवधि मे शामिल माना जायेगा को मान्य किए जाने के आदेश किए गए हैं। इसमें स्त्री रोग के 35, निश्चेतना के 23 और शिशु रोग के 23 पद शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि स्त्री रोग, निश्चेतना और शिशु रोग डिग्रीधारी चिकित्सकों को रूपये 1,25, 000 प्रतिमाह तथा डिप्लोमा धारकों को रुपये 1,10, 000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयासों को नई गति मिलेगी। पीजी डिग्री/डिप्लोमा चिकित्सकों को इन पदों पर कार्य करने के लिए अब बांड एनओसी की आवश्यकता नहीं होगी। वे बिना एनओसी के इन चिन्हित संस्थाओं में उपरोक्त तीनों विधाओं में कार्य कर सकेंगे और उन्हें बढ़ा हुआ मानदेय भी प्राप्त होगा। इस अवधि को उनके बंधपत्र सेवा में भी मान्य किया जाएगा। इन विशेषज्ञों की सेवाएं एफआरयू को पूर्ण रूप से क्रियाशील बनाने में सहायक होंगी। चयन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और एनएचएम की ऑनलाइन वैकेन्सी में केवल अनुमोदित रिक्त संस्थाओं के लिए च्वाइस फिलिंग की सुविधा दी जाएगी। पहले आने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी और यदि एक ही समय में एक संस्था के लिए एक से अधिक आवेदन आते हैं तो एमडी/एमएस डिग्री और एमबीबीएस अंकों के आधार पर वरीयता तय की जाएगी।

(Udaipur Kiran) तोमर

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