Madhya Pradesh

मप्रः माता रतनगढ़ मंदिर मेले में उमड़ा आस्था का सैलाब, 25 लाख से अधिक श्रृद्धालुओं ने किए दर्शन

माता रतनगढ़ मंदिर मेले में उमड़ा आस्था का सैलाब

भोपाल, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित माता रतनगढ़ मंदिर में दीपावली दौज के अवसर पर आयोजित लख्खी मेले में आस्था का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा। रतनगढ़ माता मंदिर पर आयोजित तीन दिवसीय विशाल लख्खी मेले में लगभग 25 लाख से अधिक श्रृद्धालुओं से दर्शनलाभ प्राप्त किए। जिससे मंदिर परिसर और सम्पूर्ण क्षेत्र में भक्तिमय माहौल के साथ ऐतिहासिक संख्‍या दर्ज की गई।

उल्‍लेखनीय है कि रतनगढ़ माता मंदिर पर लगने वाला लख्खी मेला न केवल धार्मिक आस्था का केन्द्र है, बल्कि देश की सांस्कृतिक विविधता और श्रृद्धा का प्रत्यक्ष उदाहरण भी है। जिसमें हर्ष वर्ष लाखों श्रृद्धालु अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए पहुंचते है। दीपावली की दौज पर आयोजित होने वाले इस मेले में मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के श्रृद्धालुओं ने रतनगढ़ पहुंचकर आस्था दर्शन लाभ लिए।

मेले के दौरान कलेक्टर स्वप्निल वानखडे के निर्देशन एवं निरंतर निगरानी में सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को 40 सेक्टरों से विभाजित कर 1500 से अधिक कर्मचारी एवं लगभग 2 हजार पुलिसबल की तैनाती की गई थी। कलेक्टर वानखड़े समस्त प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सम्पूर्ण तीन दिवस मेले के दौरान रतनगढ़ में उपस्थित रहे। साथ ही उन्होंने पूरी रात जग कर पैदल भ्रमण किया एवं व्यवस्थाओं पर सतत् निगरानी रखी। जिससे प्रशासन और पुलिस लगातार अर्ल्ट रहे। सम्पूर्ण मेले में 100 से अधिक सीसीटीव्ही कैमरों एवं ड्रोन से पूरे क्षेत्र की निगरानी निरंतर जारी रही।

मेले के दौरान भीड़ नियंत्रण हेतु अलग-अलग प्रवेश एवं निकासी के रास्ते निर्धारित किए गए जिससे आवागमन बिना किसी व्यवधान के सुचारू रूप से संचालित रहा। मेले के दौरान अलग-अलग मार्गो के लिए अलग-अलग पार्किग स्थल बनाये गए जिससे श्रृद्धालुओं को अत्याधिक पैदल न चलना पड़े। नदी किनारे निरंतर एसडीआरएफ की टीम द्वारा वोटर वोट से पेट्रोलिंग की गई। साथ ही मगरमच्छों से बचाव हेतु नदीं में महाजाल भी लगाया गया। मेले के दौरान वन्यजीवों से बचाव के लिए विशेष टीमें तैनात की गई। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में अलग-अलग स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किए गए। मेले के दौरान 100 अस्थाई एवं 50 स्थाई टेंकरों से निरंतर पेयजल आपूर्ति की गई।

साफ-सफाई, प्रकाश, भोजन की समुचित व्यवस्था कलेक्टर स्वप्निल वानखडे ने समक्ष में रहकर सुनिश्चित की। रतनगढ़ माता मंदिर पर आयोजित मेले का धार्मिक महत्व दीपावली की दौज पर लगने वाले विशाल लख्खी मेले में श्रृद्धालु मुख्यतः सर्पदंश का बंध खुलवाने के लिए रतनगढ़ माता मंदिर पहुंचते हैं।

प्राचीन परंपरा अनुसार किसी व्यक्ति को सांप काट लेने पर तत्काल बंध बाध दिया जाता है। यह बंध आमतौर पर कपड़े या धागे का होता है, जो रतनगढ़ माता या कुअंर बाबा के नाम से गले, हाथ या शरीर के प्रभावित हिस्से पर बांधा जाता है। मान्यता के अनुसार बंध बांधने से जहर का प्रभाव काबू में रहता है और सर्पदंश पीड़ित सुरक्षित रहता है। सर्पदंश पीड़ित को बंध खुलवाने हेतु दीपावली की दौज पर आयोजित लख्खी मेले में आना होता है, जिसमें पुजारियों द्वारा बंध को खोला जाता है। जिससे सर्पदंश पीड़ित पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हो जाता है।

श्रृद्धालुओं की मान्यता है कि रतनगढ़ माता और कुअंर बाबा के चमत्कार से मृत व्यक्ति भी जीवित हो सकता है। इस मान्यता के अनुरूप लाखों की लोगों की संख्या में श्रृद्धालु मेले में दर्शन लाभ प्राप्त करने हेतु उपस्थित हुए। संपूर्ण मेला शांति, श्रद्धा और अनुशासन के वातावरण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने सभी श्रद्धालुओं का प्रशासन के निर्देशों के पालन एवं सहयोग के लिए हृदय से अभिनंदन किया। साथ ही मीडिया प्रतिनिधियों का भी विशेष धन्यवाद व्यक्त किया जिन्होंने इस भव्य आयोजन की कवरेज में सहयोग दिया। मेला आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न कराने में योगदान देने वाले सभी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों को भी उन्होंने हार्दिक धन्यवाद और शुभकामनाएँ दीं।

(Udaipur Kiran) तोमर

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