Uttrakhand

दस हजार से अधिक दम्पतियों को मिला आईवीएफ तकनीकी का लाभ

सचिवालय स्थित सभागार में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय एआरटी एंड सरोगेसी बोर्ड की बैठक

– राज्य के पंजीकृत क्लीनिकों में 56 हजार लोगों ने लिया एआरटी संबंधी परामर्श- राज्य स्तरीय एआरटी एंड सरोगेसी बोर्ड की वार्षिक बैठक में रखे गए आंकड़े

देहरादून, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी अधिनियम-2021 के प्रावधानों के तहत निःसंतान दम्पति संतान सुख का लाभ उठा रहे हैं। सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के तहत प्रदेश में अब तक 56008 लोगों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया, जबकि आईयूआई व आईवीएफ तकनीक से 10560 विवाहित दंपतियों की ओर से गर्भधारण का लाभ प्राप्त किया गया।

बुधवार को सचिवालय स्थित सभागार में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय एआरटी एंड सरोगेसी बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। जिसमें एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी अधिनियम-2021 के क्रियान्वयन,नैतिक मानकों का पालन और पादर्शिता सुनिश्चित करने को लेकर बोर्ड सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा की गई।

मंत्री ने बताया कि प्रदेश में लागू एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी अधिनियम-2021 के ठोस क्रियान्वयन से निःसंतान दम्पतियों को बड़ी राहत मिल रही है। एआरटी व सरोगेसी एक्ट से लाभान्वित दंपत्ति रश्मि शर्मा व नितिन शर्मा के पुत्र आयांश को ढेर सारी शुभकामनाएं भी दी।

बैठक में स्वास्थ्य सचिव डॉ.आर राजेश कुमार ने बांझपन की समस्या पर अपने विचार रखे और अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

अपर सचिव स्वास्थ्य अनुराधा पाल ने रैखीय विभागों गृह, महिला एवं बाल सशक्तिकरण व न्याय आदि विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सुझाव दिए।

बैठक में राज्य स्तरीय एआरटी एंड सरोगेसी बोर्ड की राज्य नोडल अधिकारी डॉ.सुनीता चुफाल ने प्रदेश में दोनों एक्ट के तहत अब तक संचालित सभी गतिविधियों का पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि प्रदेश में लेवल-1 की कुल 8 व लेवल-2 की कुल 29 एआरटी क्लीनिक पंजीकृत है, जबकि 11 एआरटी बैंक क्रियाशील हैं। इसके अलवा दो सरोगेसी क्लीनिक भी संचालित किये जा रहे हैं। जिसमें देहरादून जनपद में लेवल-1 के 6 व लेवल-2 के 18 एआरटी क्लीनिक संचालित किये जा रहे हैं, साथ ही 2 सरोगेसी क्लीनिक व 6 एआरटी बैंक भी देहरादून में क्रियाशील है। जनपद हरिद्वार में लेवल-1 के 1 तथा लेवल-2 के 4 एआरटी क्लीनिक के साथ ही 6 एआरटी बैंक क्रियाशील है। नैनीताल जनपद में लेवल-1 का 1 व लेवल-2 के 3 एआरटी क्लीनिक जबकि 3 एआरटी बैंक संचालित किये जा रहे हैं।

इसी प्रकार ऊधमसिंह नगर जिले में लेवल-2 के 4 एआरटी क्लीनिक व 3 एआरटी बैंक क्रियाशील है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी अधिनियम-2021 के ठोस क्रियान्वयन के लिये प्रदेश में एआरटी सरोगेसी बोर्ड, राज्य समुचित प्राधिकारी, अपीलीय अधिकारी व जनपद स्तर पर भी मेडिकल बोर्डों का गठन किया गया है।

बैठक में कैंट विधायक सविता कपूर, सचिव स्वास्थ्य डॉ.आर.राजेश कुमार,अपर सचिव अनुराधा पाल, अपूर्वा पाण्डेय, प्रकाश चन्द्र, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.सुनीता टम्टा,निदेशक स्वास्थ्य डॉ. शिखा जांगपांगी, डॉ.अमलेश कुमार,डॉ.मीनू वैश्य,डॉ.लतिका चावला,डॉ.रेनू सरन,तरूण चमोला,बिन्दुवासिनी, हेमलता बहन, लॉरेंस सिंह, नितिन शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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