Uttrakhand

रुड़की में एक महीने में 4 से अधिक फायरिंग, गणेशपुर में दिनदहाड़े दुकान पर हमला, दो घायल

दुकान के भीतर फायरिंग के बाद अफरातफरी की तस्वीर, जो सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई।
गंगनहर थाने के प्रभारी आर.के. सकलानी घटना स्थल पर मौजूद दुकानदार से पूछताछ करते हुए।

रुड़की, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । रुड़की में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि खुलेआम गोलियां चलना अब आम बात बन चुकी है। पिछले एक महीने में 4 से अधिक फायरिंग और हमले की वारदातें हो चुकी हैं, लेकिन अपराधियों पर कोई लगाम नहीं लग पाई है। ताजा मामला गणेशपुर का है, जहां मंगलवार को दिनदहाड़े सैनेटरी दुकान पर दो बाइक सवार बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। वारदात में दुकान मालिक के बेटे निखिल और एक प्लंबर घायल हो गए। पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।

जानकारी के अनुसार, दो युवक बाइक से पहुंचे। बाइक चालक बाहर रुका, जबकि पीछे बैठा युवक दुकान में घुसा और निखिल को निशाना बनाकर गोली चला दी। गोलियों की आवाज से पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। मौके पर गंगनहर थाने के प्रभारी आर.के. सकलानी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और घायलों को अस्पताल भेजा।

घायल निखिल के पिता नितिन शर्मा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि यह हमला कोई पहली बार नहीं है। 15 दिन पहले, 6 महीने पहले और यहां तक कि 10 दिन पहले भी हमलावर गोली चला चुके हैं। शक्ति विहार कॉलोनी में हुई एक पुरानी फायरिंग की रिपोर्ट गंगनहर थाने में दर्ज भी करवाई गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

नितिन शर्मा के अनुसार, 10 दिन पहले हुए हमले के दौरान घायलों ने हमलावरों से पिस्तौल छीनकर थाने में जमा करवाई थी, लेकिन उल्टा पुलिस ने उनके बेटे को ही जेल भेज दिया। उनका कहना है कि यह सब पुरानी रंजिश का परिणाम है और पुलिस की ढिलाई के कारण हमलावर बार-बार वारदात को अंजाम दे रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक महीने में शहर में 4 से अधिक फायरिंग की घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें कई लोग घायल हो चुके हैं। शहर में गुंडागर्दी चरम पर है, और अपराधी खुलेआम कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने सख्त कार्रवाई नहीं की तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

(Udaipur Kiran) / Ajay Saini

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