Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के 24 लाख से अधिक किसान ने एग्रीस्टैक पोर्टल से जुड़े

एग्रीस्टैक पंजीयन

-किसानों के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य

रायपुर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के जीवन में तकनीक के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में अब राज्य में एग्रीस्टैक पोर्टल को तेजी से लागू किया जा रहा है। राज्यभर में अब तक 24 लाख से अधिक किसानों ने एग्रीस्टैक पोर्टल से जुड़कर डिजिटल कृषि सेवाओं का लाभ उठाना शुरू कर दिया है। सरकार का लक्ष्य है कि आगामी रबी सत्र तक राज्य के सभी पात्र किसान इस प्लेटफॉर्म से जुड़कर लाभ उठाना सुनिश्चित करें।

एग्रीस्टैक पोर्टल भविष्य में कृषि योजनाओं की रीढ़ साबित होगा। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि खेती को वैज्ञानिक, योजनाबद्ध बनाने में मदद मिलेगी।यह पोर्टल किसानों के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक संरचना है, जो खेती से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता है। एग्रीस्टैक एक सुरक्षित डिजिटल सिस्टम है, जिसमें किसान की पहचान, जमीन का रिकॉर्ड, फसल की जानकारी और कृषि संबंधी गतिविधियों का पूरा विवरण एकीकृत रूप से दर्ज किया जाता है। इस डेटा का उपयोग किसान की सहमति से ही साझा किया जाता है, जिससे उसकी निजी जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है।

बीती देर शाम कृषि विभाग के अधिकारियाें से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष राज्य में सहकारी समितियों के माध्यम से धान विक्रय करने वाले किसानों के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। यह कदम पारदर्शिता लाने और किसानों को योजनाओं का लाभ सीधे उनके खाते तक पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है। एग्रीस्टैक पोर्टल के माध्यम से किसानों को अब योजनाओं, सब्सिडियों और सहायता राशि की जानकारी सीधे मिल रही है। इससे न केवल बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी, बल्कि लाभ वितरण की प्रक्रिया भी तेज और पारदर्शिता आएगी।

किसानों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद आसान है। किसान अपने आधार कार्ड और ऋण पुस्तिका के साथ नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) या अपनी सहकारी सोसायटी में जाकर निःशुल्क पंजीकरण करवा सकते हैं। पूरी प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है और किसान को तुरंत डिजिटल पहचान प्रदान की जाती है।

(Udaipur Kiran) / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल

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