Delhi

एमसीडी में आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति के ज्यादा औषधालय खोले जाएंगे : महापौर

महापौर राजा इकबाल सिंह

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । आयुर्वेद में कोई ऐसा रोग नहीं है जिसका इलाज न हो। नगर निगम (एमसीडी) में आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों के अधिक औषधालय खोले जाएंगे। यह बातें सोमवार को दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए-आयुष) द्वारा भगवान धनवंतरि जयंती के उपलक्ष्य में एनडीएमसी सभागार में आयाेजित 39वें वार्षिकोत्सव में कहा। समारोह का शुभारंभ दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने भगवान धनवंतरि की पूजा के साथ किया।

महापौर ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि फेशियल पैरालिसिस के इलाज के लिए उन्होंने आयुर्वेद का सहारा लिया था। इस दाैरान डॉ. आरएस चौहान ने भी महापौर से औषधालय बढ़ाने की मांग की, जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया।

इस अवसर पर कई विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया, जिनमें डॉ. एमबी गौड़ (निदेशक, चौधरी ब्रह्म प्रकाश चरक संस्थान), डॉ पीके प्रजापति (निदेशक, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद), डॉ केडी पाठक, डॉ विद्यावती आदि प्रमुख रहे।

धनवंतरि अवॉर्ड से डॉ भीमा भट्ट (आयुर्वेद) और प्रो.(डॉ) हकीम मो. मज़ाहिर आलम (यूनानी) को धनवंतरि अवॉर्ड देकर डॉ. पीके प्रजापति मेयर राजा इकबाल सिंह ने सम्मानित किया। इसके साथ ही सुश्रुत अवॉर्ड और चरक अवॉर्ड भी आयुर्वेद चिकित्सा में विशिष्ट योगदान के लिए प्रदान किए गए।संस्था के संरक्षक डॉ. आरएस चौहान ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से डॉ एसपी पांडे को सम्मानित किया।

इसके अलावा हरियाणा में फरीदाबाद, पानीपत, करनाल, कैथल और झज्जर के साथ ही हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों से आए चिकित्सकों को भी सम्मानित किया गया। आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में सहयोग देने वाले प्रमुख मीडिया कर्मियों को भी स्मृति चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित किया गया। इसमें गौरव शर्मा (आयुष मंत्रालय), अशोक किंकर, दीपक चौबे, पायल बनर्जी, अजीत सिंह, सिद्धार्थ, इल्तेज़ा उस्मानी और डॉ. फरमान अली प्रमुख रहे।

वहीं, समारोह में भगवान धनवंतरि के बारे में डॉ. केशव शर्मा विस्तार से वर्णन किया। संस्था के संरक्षक डॉ. आरएस चौहान ने बताया कि हमारी संस्था आईएमए-आयुष पिछले 40 साल में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के विकास और प्रचार में क्या क्या उपलब्धियां प्राप्त कि और हमारी संस्था एक गैर सरकारी संगठन है लेकिन अपने प्रैक्टिशनर के अधिकारों के लिए लड़ती आ रही है। बताया कि संस्था के संघर्षों का ही परिणाम है कि आज केंद्र सरकार में अलग से आयुष मंत्रालय की स्थापना हुई है। संस्था के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. रमन खन्ना ने संस्था की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी और उल्लेखनीय कार्यों के बारे मे जानकारी दी।

मीडिया प्रभारी डॉ. रामफल पांचाल बताया कि हमारी संस्था ने दिल्ली भारतीय चिकित्सा परिषद के चुनाव के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय से जीत कर चुनाव फिजिकल कराने का आदेश पारित करवाया, उच्चतम न्यायालय में भारतीय चिकित्सा पद्धति का इंटीग्रेशन अधिकार पर स्टे करवाया, राष्ट्रीय आयोग, भारतीय चिकित्सा पद्धति, भारत सरकार में आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों को इंटीग्रेशन का अधिकार दिलवाया, दिल्ली में आईएसएम के डाक्टरों के मेडिकल सर्टिफिकेट को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित करवाया, दिल्ली में आयुर्वेद और यूनानी के चिकित्सकों के लिए राष्ट्रीय सीएमई का आयोजन करवाया जो हर साल होने वाले रिन्यूअल के लिए आवश्यक है।

समारोह में संस्था की वार्षिक स्मारिका का विमोचन मेयर ने किया। इस अवसर पर डॉ. लव कुमार (मुख्य संपादक) सहित संपादकीय टीम के डॉ. राजीव मल्होत्रा, डॉ. मो. अशद, डॉ. शैलेश द्विवेदी, डॉ. केके सिंघल और डॉ. जितेन्द्र गौड़ के योगदान की सराहना की गई। समारोह के अंत में दिल्ली राज्य अध्यक्ष डॉ. अरुण कटारिया ने सभी गणमान्य अतिथियों, डॉक्टरों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।———————-

(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी

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