
पराली जलाने पर 27 किसानों पर ₹1.27 लाख जुर्माना
झांसी, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । जनपद में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने गुरुवार को ज़ूम ऐप के माध्यम से कड़ी समीक्षा की। बैठक के दौरान डीएम ने नाराजगी जताते हुए बताया कि जिले में अब तक 200 पराली जलाने की घटनाएं चिन्हित की जा चुकी हैं, जिनमें 70–80 फीसदी मामले मोंठ तहसील के हैं। इस पर उन्होंने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। डीएम ने बताया कि अब तक 27 किसानों पर ₹1.27 लाख का जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी “अभी सिर्फ जुर्माना किया जा रहा है, दोबारा घटना सामने आने पर कठोर कार्रवाई होगी।” उन्होंने पराली प्रभावित क्षेत्रों में स्पेशल स्क्वॉड बनाकर नियमित निगरानी के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि पराली जलाने के दर्ज मामलों में झांसी प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। जबकि जिले में झांसी का पंजाब कहा जाने वाला मोंठ क्षेत्र जिले में पराली के मुकदमों में अव्वल है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गांव व मजरे में डुग्गी पिटवाकर पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान की जानकारी दी जाए। उन्होंने ग्राम प्रधान, सचिव और लेखपाल को स्पष्ट निर्देश दिए—“क्षेत्र में एक भी पराली जलाने की घटना न हो। यदि घटना हुई तो जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई होगी।”
किसानों को पराली प्रबंधन के विकल्प अपनाने की सलाह
डीएम ने समाधान प्रस्तुत करते हुए कहा डिकंपोजर का उपयोग कर पराली को खाद में बदला जाए। हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, मल्चर, रोटावेटर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम आदि मशीनों का उपयोग किया जाए। पराली का उपयोग पशु चारा, कम्पोस्ट खाद, बायोफ्यूल, सीबीजी आदि के रूप में भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि डिकंपोजर मुफ्त वितरण का प्रस्ताव है, जिसका उपयोग करने से उत्पादकता बढ़ेगी।
चौकीदार की भूमिका महत्वपूर्ण
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने बैठक में निर्देश दिए कि सभी थानों में ग्राम प्रधान, चौकीदार और बीट ऑफिसरों की बैठक कर पराली न जलाने का कड़ा संदेश दिया जाए। उन्होंने कहा “चौकीदार की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, उसके माध्यम से मौके की जानकारी तुरंत मिले और कार्यवाही सुनिश्चित हो।” बैठक में सीडीओ जुनैद अहमद, एसपी ग्रामीण डॉ. अरविंद कुमार, सभी एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, बीडीओ, कृषि विभाग के अधिकारी और विषय विशेषज्ञ शामिल हुए।
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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया