HimachalPradesh

हिमाचल में दो-तीन दिनों में दस्तक देगा मानसून, 21 से 25 जून तक भारी वर्षा की चेतावनी

शिमला में मौसम

शिमला, 19 जून (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून के आगमन की उलटी गिनती शुरू हो गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार राज्य में आगामी दो से तीन दिनों में मानसून दस्तक दे सकता है। सामान्यतः प्रदेश में मानसून 25 जून के आसपास प्रवेश करता है और इस बार मानसून के निर्धारित समय से थोड़ा पहले पहुंचने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 21 जून से लेकर 25 जून तक राज्य में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इसके लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है।

मौसम विभाग द्वारा गुरूवार को जारी सात दिवसीय पूर्वानुमान के अनुसार 19 जून और 20 जून को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है और इन दो दिनों में बारिश को लेकर किसी भी प्रकार की चेतावनी जारी नहीं की गई है। 19 जून को आसमान में छिटपुट बादल रहेंगे जबकि 20 जून को मौसम कुछ अधिक बदला हुआ नजर आएगा और बादल पूरी तरह से छाए रह सकते हैं। हालांकि इन दोनों दिनों में भारी बारिश की कोई आशंका नहीं जताई गई है।

21 जून से मौसम में बड़ा बदलाव आने के संकेत मिल रहे हैं। इस दिन से प्रदेश में अनेक स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि 21 जून को राज्य के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है, जिसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। 22 जून को बारिश और अधिक तेज होने की संभावना है और इस दिन कई इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इस दिन के लिए विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है जो यह दर्शाता है कि मौसम की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है।

23 जून को भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही बनी रहने की उम्मीद है। विभाग ने इस दिन भी राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 24 जून को फिर से भारी वर्षा की संभावना है और इस दिन येलो अलर्ट जारी किया गया है। 25 जून को भी विभाग ने भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना व्यक्त की है और इस दिन के लिए भी ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले वर्षों में भी हिमाचल में मानसून लगभग इन्हीं तारीखों के आसपास दस्तक देता रहा है। वर्ष 2023 में मानसून ने 24 जून को राज्य में प्रवेश किया था, जबकि वर्ष 2022 में यह 29 जून को पहुंचा था। इस वर्ष मानसून के समय से पहले सक्रिय हो जाने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अब अनुमान यह है कि यह अपने सामान्य समय के आसपास ही राज्य में दस्तक देगा।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला प्रशासन को पहले से ही सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर उन क्षेत्रों में जहां भू-स्खलन और नदियों-नालों के उफान पर आने की आशंका अधिक रहती है, वहां विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। नदी किनारे और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से जाने से परहेज करने को कहा गया है।

प्रदेश में मानसून के दौरान अक्सर भूस्खलन, सड़क बंद होने, बिजली गुल रहने और यातायात अवरुद्ध होने जैसी समस्याएं सामने आती हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन ने आवश्यक व्यवस्थाएं पहले से चाक-चौबंद रखने का दावा किया है। स्वास्थ्य, लोक निर्माण, जल शक्ति, विद्युत और परिवहन विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।

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इस बीच गुरुवार को राजधानी शिमला सहित अन्य हिस्सों में बादल छाए हैं। पिछले 24 घण्टों के दौरान सिरमौर जिला के पच्छाद में सर्वाधिक 7.4 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है। इसके अलावा मंडी जिला के सुंदरनगर में 5.8 मिमी, कसौली व बजुआरा में 3-3 मिमी, जोत में 2.2, भरविन व चम्बा में 2, सांगला में 1.8 व कुफ़री में 1 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है। बादलों के बरसने से तापमान में गिरावट आई है, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिल रही है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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