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हिमाचल में मॉनसून का कोहराम, बिलासपुर में बादल फटा, चंबा में घरों में मलबा घुसा, येलो अलर्ट

शिमला में मौसम

शिमला, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मॉनसून सीजन के दौरान बारिश और भूस्खलन का कहर जारी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए राज्य के सात जिलों में भारी वर्षा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। अलर्ट हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए है। इन जिलों में तेज बारिश के साथ अंधड़ और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। इसके बाद मॉनसून की रफ्तार धीमी पड़ेगी। हालांकि 16 से 18 सितम्बर तक राज्य के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा होने का अनुमान है।

राजधानी शिमला में शनिवार को घनी धुंध छाई रही और हल्की बारिश भी होती रही। दूसरी ओर, बिलासपुर जिला के नम्होल क्षेत्र में शुक्रवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही हुई। इलाके में सड़कें बह गईं और मलबे में कई गाड़ियां दब गईं। कुछ घरों को भी नुकसान हुआ, हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। हैरानी की बात ये है कि पूरे मॉनसून सीजन में अब तक बिलासपुर में बादल फटने की ये पहली घटना है।

इसके अलावा चंबा जिले के भटियात क्षेत्र की चिलामा पंचायत के कमलाड़ी और घटासनी गांवों में भारी बारिश के बाद मलबा और पानी लोगों के घरों में घुस गया। घटासनी पंचायत में लगभग छह मकानों को नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन से गौशालाएं और पशुधन भी प्रभावित हुए हैं। एसडीएम भटियात पारस अग्रवाल ने बताया कि नुकसान का आकलन कर प्रभावितों को राहत दी जाएगी।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शनिवार शाम तक भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे समेत कुल 558 सड़कें बंद हो गईं। इनमें कुल्लू जिले में एनएच-03 और एनएच-305 सहित 170 सड़कें, मंडी में 159, शिमला में 58, कांगड़ा में 45, चंबा में 38, सिरमौर में 21, बिलासपुर में 17 और ऊना में एनएच-503ए समेत 22 सड़कें बाधित हैं।

बारिश के कारण प्रदेश में बिजली और पेयजल आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। कुल 237 ट्रांसफार्मर और 317 पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं। कुल्लू जिले में सबसे ज्यादा 144 ट्रांसफार्मर, मंडी में 64 और चंबा में 24 ट्रांसफार्मर बंद हुए हैं। पेयजल योजनाओं में कांगड़ा की 176, शिमला की 61 और मंडी की 53 योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

इस मानसून सीजन ने हिमाचल प्रदेश में अब तक भारी तबाही मचाई है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार अब तक 394 लोगों की जान जा चुकी है और 455 लोग घायल हुए हैं, जबकि 41 लोग लापता हैं। जिला वार आंकड़ों के अनुसार मंडी में 61, कांगड़ा में 55, चंबा में 45, कुल्लू में 44, शिमला में 42, किन्नौर और सोलन में 29-29, ऊना में 25, सिरमौर में 20, बिलासपुर में 19, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 लोगों की मौत हुई है।

अब तक कुल 1,403 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं जबकि 5,952 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। बारिश से 484 दुकानें और 5,929 गौशालाएं भी नष्ट हुई हैं। पशुधन को भारी नुकसान हुआ है जिसमें 2,086 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है।

प्रारंभिक अनुमान के अनुसार राज्य को अब तक 4,467 करोड़ रुपये से अधिक की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हो चुका है। इस सीजन में अब तक 140 भूस्खलन, 97 फ्लैश फ्लड और 46 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।

राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। खासकर नदी-नालों और ढलानों से दूर रहने को कहा गया है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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