HimachalPradesh

हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक, लैंडस्लाइड का बढ़ा खतरा

शिमला में बारिश

शिमला, 20 जून (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून ने दस्तक दे दी है और इसकी आमद के साथ ही प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून के शुक्रवार को राज्य में पहुंचने के साथ ही खासकर शिमला, सिरमौर औऱ मंडी जिलों में भारी बारिश हुई है। इसके चलते भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, वहीं नदी-नाले भी उफान पर आ गए हैं।

इस बार मानसून ने पिछले वर्ष की तुलना में सात दिन पहले प्रदेश में एंट्री की है। वर्ष 2024 में मानसून 27 जून को, 2023 में 24 जून को, 2022 में 29 जून को, 2021 में 13 जून को और 2020 में 24 जून को हिमाचल पहुंचा था। लेकिन इस बार यह 20 जून को ही राज्य के कई हिस्सों में सक्रिय हो गया है। मानसून के दस्तक देते ही बारिश का जो दौर शुरू हुआ, उसने पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड के रूप में तबाही के संकेत भी देने शुरू कर दिए हैं।

शिमला जिले के कोटखाई में जुब्बल-हाटकोटी-त्यूणी मार्ग पर भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे सड़क पर मलबा आ गया और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई। गनीमत यह रही कि हादसे के समय कोई वाहन मौके पर नहीं था, वरना जानमाल की हानि से इंकार नहीं किया जा सकता था। इसी तरह शिमला के उपनगर टूटू के पास जतोग कैंट क्षेत्र में भी भूस्खलन की घटना हुई है। यहां जतोग कैंट से हथनी की धार जाने वाला मार्ग कुछ देर के लिए पूरी तरह बंद हो गया था। भूस्खलन की चपेट में आकर सड़क किनारे खड़ी एक कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, हालांकि राहत की बात यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।

राज्य के अन्य हिस्सों में भी व्यापक बारिश हुई है। सिरमौर जिला के नाहन में सबसे अधिक 90 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मंडी जिले के पंडोह और बिजाही में 30 मिमी, शिमला के सराहन, सिरमौर के पांवटा साहिब, पच्छाद और मंडी के जोगिंद्रनगर समेत अन्य क्षेत्रों में 20 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इसके अलावा गोहर, कटुआला और मंडी शहर में 1 सेंटीमीटर बारिश हुई है।

मौसम विभाग ने आगामी एक सप्ताह के लिए भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने 20 जून को येलो अलर्ट, 22 और 23 जून को ऑरेंज अलर्ट, 24 को पुनः येलो अलर्ट तथा 25 व 26 जून को फिर से ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। विभाग का कहना है कि इस दौरान प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मैदानी इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।

लोगों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों या नदी-नालों के किनारे न जाएं। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन को भी चौकस रहने के निर्देश दिए गए हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक शोभित कटियार ने बताया कि मानसून धीरे-धीरे प्रदेश के सभी जिलों में सक्रिय हो रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी 22 और 23 जून को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में भारी बारिश की आशंका है। शिमला, सोलन और मंडी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। कटियार ने बताया कि 26 जून तक बारिश का यह सिलसिला जारी रह सकता है।

बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट आई है। शुक्रवार को प्रदेश का औसतन अधिकतम तापमान सामान्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। शिमला में अधिकतम तापमान 20.6, सुंदरनगर में 27.9, भुंतर में 32.5, कल्पा में 26.9, धर्मशाला में 28, ऊना में 33.6, नाहन में 27.3, केलंग में 26.9, सोलन में 28, मनाली में 26.4, कांगड़ा में 26, मंडी में 26.8, बिलासपुर में 30.7, हमीरपुर में 30.1, चम्बा में 29.6, डल्हौजी में 22.3, जुब्बड़हट्टी में 24.4, कुफ़री में 19.4, कुकुमसेरी में 30.8, नारकण्डा में 20.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।न्यूनतम तापमान की बात करें तो शिमला में 19, कल्पा में 13.6, धर्मशाला में 16.8, केलंग में 12.6 और ताबो में 12.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Most Popular

To Top