

अजमेर, 27 जून (Udaipur Kiran) । अजमेर में शुक्रवार को बेहद खुशनुमा मौसम के बीच गंगा जमनी तहजीब का मुजायरा रहा। यहां जहां एक और हिन्दू समुदाय के लोगों ने श्री अग्रवाल मारवाड़ी पंचायत धड़े की ओर से जगदीश मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली। करीब 800 किलो वजन वाले भगवान जगन्नाथ के रथ को 500 से अधिक भक्तों ने रस्सी से खींचा। जगह जगह पुष्प वर्षा हुई वहीं इंद्र देव ने भी बारिश की बौछार कर माहौल को खुशनुमा बना दिया। दूसरी ओर अजमेर में स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में मोहर्रम की शुरूआत हो गई। इससे पहले चांद दिखाई देने पर चौकी की रस्म अदा की गई।
अजमेर के श्री अग्रवाल मारवाड़ी पंचायत धड़े के अध्यक्ष संजय कंदोई व मेला संयोजक राकेश डीडवानिया ने बताया कि रथ में जगन्नाथजी, सुभद्राजी और बलभद्र जी के ठीक आगे हनुमान जी की प्रतिमा विराजमान थी। ढोल बाजे के साथ फूलों की वर्षा के बीच सैकड़ों महिला पुरुष भक्त जन चल रहे थे। रथ को हर दो तीन मिनट खींचने के बाद थाम दिया जाता था ताकि भक्त जन दर्शन कर सके। नया बाजार में भगवान जगन्नाथ की आरती की गई। रथ यात्रा की शुरुआत श्री जगन्नाथ मंदिर ऋषि घाटी से हुई। नगर भ्रमण के बाद वापस जनक पुरी पर पहुंच कर समाप्त हो गई।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 26 जून से 5 जुलाई तक भगवान श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। अध्यक्ष संजय कंदोई व मेला संयोजक राकेश डिडवानिया, विनोद डिडवानिया व हरीश बंसल ने बताया कि भगवान श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव के तहत पहली बार समस्त महिलाओं के लिए मेंहदी प्रतियोगिता रखी गई । 28 जून को शाम 7.30 बजे श्याम कथा का शुभारम्भ होगा। कथा वाचक व भजन प्रवाहक श्री पुरुषोतम ब्रजवासी कथा करेंगे। कथा में महाराज श्री पुरुषोतम ब्रजवासी महाराज भक्त शिरोमणि शी आलू सिंह जी महाराज का असम में चमत्कार, भक्त शिरोमणि श्याम बहादुर जी महाराज, की मोर छड़ी की महिमा, भीम, हिडिंबा का विवाह व घटोत्कच का इंद्रप्रस्थ आगमन के प्रसंग सुनाए जाएंगे।
दूसरी और अजमेर दरगाह के खादिम एहतेशाम अहमद चिश्ती ने बताया कि मोहर्रम की शुरुआत हो गई है। रात को चांद दिखाई देने के साथ ही मोहर्रम की रस्म शुरू हो गई। इससे पहले 29 तारीख को चौकी की रस्म हुई। दरगाह शरीफ के दो नंबर गेट के पास स्थित गरीब नवाज गेस्ट हाउस पर चौकी रखी गई जहां ख्वाजा साहब के आस्ताने मुबारक की चादर को सर पर उठाया जाता है। असर की नमाज के बाद मर्सियाखानी की गई। बाद में चौकी को पूर सजदे के साथ तीन नंबर गेट पर लाया गया जहां सलातो सलाम पेश किया और दुआए खैर की गई।
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(Udaipur Kiran) / संतोष
