Uttar Pradesh

यूपी में आधुनिक तकनीक से अब गड़बड़ियों पर लगेगी लगाम, लाभार्थियों तक सीधे पहुंचेगा फायदा

-एआई के प्रयोग से योगी सरकार करेगी सख्ती, समाज कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन में होगा तकनीक का पहरा

लखनऊ, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार समाज कल्याण की योजनाओं को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और गड़बड़ी-मुक्त बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की शक्ति का उपयोग करने की तैयारी में है। समाज कल्याण विभाग ने वृद्धावस्था पेंशन, पारिवारिक लाभ, छात्रवृत्ति और सामूहिक विवाह जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की निगरानी को तकनीकी रूप से सशक्त करने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रही है। इस पहल का उद्देश्य न केवल योजनाओं को सही लाभार्थियों तक पहुंचाना है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पेपरलेस, तेज और जवाबदेह बनाना भी है।

एआई की निगरानी से योजनाओं में तय होगी पारदर्शिता और जवाबदेही

योजनाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता से निपटने के लिए समाज कल्याण विभाग एआई-आधारित निगरानी तंत्र को अपनाने पर विचार कर रहा है। पिछले दिनों समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण की मौजूदगी में ‘एआई का समाज कल्याण की योजनाओं में उपयोग’ विषय पर विशेष कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। इस तकनीक के माध्यम से डाटा सत्यापन, लाभार्थियों की पहचान और योजनाओं के कार्यान्वयन में सटीकता सुनिश्चित की जाएगी। इससे न केवल गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा, बल्कि योजनाओं का लाभ वास्तविक हकदारों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचेगा।

योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर योगी सरकार का जोर

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित छात्रवृत्ति योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, वृद्धा पेंशन जैसी योजनाओं में पारदर्शिता और सुगमता लाने के लिए पहले ही ऑनलाइन मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है। छात्रवृत्ति योजना में विद्यार्थियों को बार-बार पंजीकरण की जटिल प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा, क्योंकि विभाग ने वन टाइम रजिस्ट्रेशन नंबर की व्यवस्था लागू की है। यह नई प्रणाली न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि पात्रों को बिना किसी रुकावट के योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करेगी। एआई के उपयोग से इस प्रक्रिया में और अधिक सटीकता आएगी, जिससे फर्जी आवेदनों पर लगाम लगेगी और पात्रों को त्वरित लाभ मिलेगा। यही नहीं डाटा विश्लेषण के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वास्तविक लाभार्थी ही योजना का लाभ उठा सकें। एआई-आधारित सत्यापन प्रणाली से आवेदनों की जांच तेजी से होगी और फर्जी आवेदनों को तुरंत पकड़ा जा सकेगा।

पेपरलेस और डिजिटल भविष्य की ओर कदम

योगी सरकार की इस पहल से समाज कल्याण विभाग की योजनाएं डिजिटल युग में एक नया मुकाम हासिल करेंगी। पेपरलेस कार्यप्रणाली को अपनाने से न केवल कागजी कार्रवाई कम होगी, बल्कि योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी आएगी। एआई तकनीक के उपयोग से डाटा प्रबंधन, लाभार्थी सत्यापन और योजना निगरानी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुगम होंगी, बल्कि जनता का विश्वास भी सरकार पर बढ़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। एआई-आधारित निगरानी तंत्र इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। समाज कल्याण विभाग जल्द ही इसकी विस्तृत कार्ययोजना को अंतिम रूप देगा।

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(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा

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