

कोरबा, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) ।
कटघोरा वनमंडल अंतर्गत स्थित प्राकृतिक सुंदरियों से भरपूर पर्यटन स्थल झोराघाट को अब एक सुसंरक्षित और आकर्षक इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। कलेक्टर अजीत वसंत और वनमंडल अधिकारी कटघोरा कुमार निशांत ने आज बुधवार को स्थल का विस्तृत निरीक्षण कर यहां पर्यटन विकास की संभावनाओं का जायज़ा लिया।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने हसदेव नदी के तटीय क्षेत्र, आसपास के भू-भाग, हरियाली और वर्तमान सुविधाओं को परखा। उन्होंने झोराघाट में पर्यटन विकास के लिए डीएमएफ (जिला खनिज निधि) के माध्यम से विस्तृत परियोजना प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि झोराघाट के प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित रखते हुए यहां आधुनिक पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने रिवर फ्रंट निर्माण, वॉकवे, पैगोड़ा, विश्राम स्थल, स्वच्छ प्रसाधन, वॉच टावर सहित कई बुनियादी ढांचों को विकसित करने के निर्देश दिए। साथ ही बच्चों के लिए खेल सामग्री, युवाओं के लिए ओपन जिम और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ध्यान व साधना स्थल जैसे आकर्षक फीचर भी शामिल करने को कहा।
इसके साथ ही उन्होंने पर्यटकों को प्रकृति के और करीब लाने, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनाने और विशिष्ट गतिविधियां जोड़ने पर भी जोर दिया। कलेक्टर वसंत ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से झोराघाट को जिले का प्रमुख इको-टूरिज्म स्थल बनाया जाएगा।
स्थानीय लोगों की भागीदारी होगी सुनिश्चित
कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजना में स्थानीय समुदाय की सहभागिता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। ग्रामीणों को नए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय उत्पादों की बिक्री, गाइड सेवा, वाहन संचालन एवं सहायक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। निरीक्षण के दौरान वन परिक्षेत्र अधिकारी कटघोरा अशोक मन्नेवार सहित वन विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।
एप्रोच रोड निर्माण दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने झोराघाट में लोक निर्माण विभाग (सेतु) द्वारा निर्मित पुल का भी अवलोकन किया। उन्होंने पुल से जुड़े एप्रोच रोड निर्माण कार्य में तेजी लाने और दिसंबर माह तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि एप्रोच रोड तैयार होने से झोराघाट तक पहुंच आसान होगी और पर्यटन विकास को गति मिलेगी। झोराघाट परियोजना के क्रियान्वयन से जिले में पर्यटन का नया केंद्र विकसित होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, जनसहभागिता और ग्रामीण विकास को भी महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
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(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी