
जालाैन, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को साकार करती एक विशेष स्वदेशी प्रदर्शनी शुक्रवार को उरई के जीआईसी मैदान में लगाई गई है। जिसका शुभारम्भ विधान परिषद सदस्य रामतीर्थ सिंघल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया।
यह प्रदर्शनी स्थानीय कारीगरों और स्वदेशी उत्पादों की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने का एक मंच है। प्रदर्शनी में विशेष रूप से गाय के गोबर से निर्मित सुंदर मूर्तियाँ, पारम्परिक कला से सजे मिट्टी के बर्तन, और हस्तनिर्मित कागजों से बनी स्वदेशी सामग्री को विशेष स्थान दिया गया है। इनके अलावा, विभिन्न विभागों के स्टॉल भी लगाए गए हैं, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में हो रहे प्रयासों को दर्शाते हैं।
मुख्य अतिथि रामतीर्थ सिंघल ने प्रदर्शनी का शुभारम्भ करते हुए स्वदेशी उत्पादों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी एक सप्ताह तक चलेगी और इस दौरान अधिक से अधिक लोग इसे देखने आएं तथा स्वदेशी अपनाएं। प्रधानमंत्री जी ने 2047 तक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का जो सपना देखा है, उसे साकार करने के लिए हम सभी को स्वदेशी सामग्री का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा। यह प्रदर्शनी हमारी स्थानीय कला और कारीगरी की शक्ति को दर्शाती है। हमें अपनी इस विरासत को सहेजना और बढ़ावा देना है।
उन्हाेंने कहा कि, इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य स्थानीय उत्पादों, पारम्परिक हस्तकलाओं और स्वदेशी तकनीक के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है। साथ ही, यह स्थानीय कारीगरों को एक बड़ा मंच प्रदान करके उन्हें प्रोत्साहित करने का काम भी कर रही है। ऐसे आयोजन ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों को स्थानीय स्तर पर मजबूती प्रदान करते हैं। एक सप्ताह तक चलने वाली प्रदर्शनी से लोगों में स्वदेशी उत्पादों के प्रति एक नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार होगा।
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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
