
कानपुर, 29 नवम्बर (Udaipur Kiran) । कानपुर सेंट्रल में सीमित स्थान के मद्देनज़र हमने एकल 400 टन क्रॉलर क्रेन का प्रयोग कर एक अभिनव समाधान प्रस्तुत किया। ट्रांसपोर्ट नगर और झकरकटी में टनलिंग के दौरान हमारी टीम ने एक साथ टनल सफाई और प्रथम चरण कंक्रीटिंग की प्रक्रिया अपनाकर समय की उल्लेखनीय बचत की। शहर के सबसे व्यस्त क्षेत्रों के नीचे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी हमारी टीम ने उत्कृष्ट कार्य किया है। मुझे विश्वास है कि हमारी टीम आगे भी इसी समर्पण के साथ समयबद्ध रूप से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करती रहेगी। यह बातें शनिवार को यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कही।
कानपुर सेंट्रल में सीमित स्थान की चुनौती को देखते हुए एक अभिनव इंजीनियरिंग समाधान अपनाया गया। यहां स्थित रिट्रीवल शाफ्ट से टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) को बाहर निकालने के लिए एकल 400 टन क्रॉलर क्रेन का उपयोग किया गया, जिसका उदाहरण भारतीय मेट्रो इतिहास में बहुत कम मिलता है। सामान्यतः ऐसे कार्यों में दो क्रेनों का उपयोग किया जाता है, किंतु स्थान, समय और लागत-तीनों की बचत को ध्यान में रखते हुए इंजीनियरों ने एक ही क्रेन की सहायता से आजाद और विद्यार्थी दोनों टीबीएम मशीनों के सभी पार्ट्स सफलतापूर्वक बाहर निकाले।
आईआईटी से कानपुर सेंट्रल मेट्रो स्टेशन तक यात्री सेवाओं के संचालन को देखते हुए कानपुर सेंट्रल से टीबीएम मशीनों के रिट्रीवल के लिए विशेष योजना के तहत स्टेशन बॉक्स क्षेत्र के बाहर ही शाफ्ट का निर्माण किया गया था, जिससे स्टेशन एवं टनल निर्माण से जुड़े कार्य स्वतंत्र रूप से और बिना किसी बाधा के आगे बढ़ सकें। पहले ‘आजाद‘ और फिर ‘विद्यार्थी‘ टीबीएम मशीनों के ब्रेकथ्रू के बाद इनके पार्ट्स को 400 टन क्रॉलर क्रेन की मदद से चरणबद्ध तरीके से ‘रिट्रीव’ या निकालने की प्रक्रिया पूरी की गई।
ज्ञात हो कि कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत मैकरॉबर्टगंज से स्वदेशी कॉटन मिल रैंप तक लगभग 8.60 किमी लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन के टनल निर्माण का कार्य पिछले माह सात अक्टूबर को पूरा किया जा चुका है। इसके साथ ही कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता तक अंडरग्राउंड स्टेशनों (झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन) से होते हुए मेट्रो के जाने का मार्ग पूरी तरह से खुल गया है। वर्तमान में कानपुर सेंट्रल स्टेशन से स्वदेशी कॉटन मिल रैंप के बीच लगभग तीन किलोमीटर लंबे स्ट्रेच पर ट्रैक निर्माण का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप