

क्वेटा (बलूचिस्तान), 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । बलूचिस्तान आंदोलन के सदस्य और मानवाधिकार रक्षक मीर यार बलूच ने अमेरिका से बलूचिस्तान गणराज्य को मान्यता और समर्थन देने का आग्रह किया है। मीर यार ने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप को सात अगस्त को लिखे पत्र में कहा कि बलूचिस्तान गणराज्य पाकिस्तान और ईरान के अवैध कब्जे वाला प्राचीन और संप्रभु राष्ट्र है। दुर्लभ खनिज, तेल, गैस, हवाई अड्डों और समुद्री बंदरगाहों से समृद्ध होने के बावजूद यहां के लोगों का दमन हो रहा है।
मीर यार बलूच ने इस पत्र को अपने एक्स हैंडल पर भी साझा किया है। बलूच ने लिखा, ”पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर से आगामी यात्रा के दौरान पूछा जाना चाहिए कि पाकिस्तान किस कानून और नैतिक आधार पर बलूचिस्तान की प्राकृतिक संपदा पर अपना दावा करता है? ” मीर बलूच ने कहा कि मुनीर ऐसी संस्था का नेतृत्व करते हैं, जो पाकिस्तान अधिकृत बलूचिस्तान में घोर मानवाधिकार उल्लंघनों में व्यापक रूप से शामिल है। पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई न सिर्फ 40 हजार से ज्यादा बलूच नागरिकों के जबरन गायब होने के लिए जिम्मेदार हैं, बल्कि लंबे समय से ओसामा बिन लादेन समेत कई वैश्विक आतंकवादियों को पनाह देने से भी जुड़े रहे हैं।
मीर यार बलूच ने लिखा है, ”अमेरिका ने 9/11 के बाद पाकिस्तान पर भरोसा करके एक गंभीर भूल की है। पिछले अमेरिकी प्रशासनों ने पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान को बढ़ावा दिया है, जो आतंकवादियों को पनाह और कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है। हाल के महीनों में आईएसआई की निगरानी में प्रशिक्षण केंद्रों में वृद्धि हुई है। इससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है।”
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिका कट्टरपंथी पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों का नए सिरे से पुनर्मूल्यांकन करे। पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के तत्व लगातार कट्टरपंथी धार्मिक समूहों का इस्तेमाल पश्चिम-विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए करते रहे हैं। सार्वजनिक प्रदर्शनों में ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ और ‘इजराइल मुर्दाबाद’ जैसे नारे खुलेआम लगाए जाते हैं। बलूच नेता मीर यार ने ट्रंप से बलूच नेतृत्व और प्रतिनिधियों से सीधी बातचीत का आह्वान किया है। यार ने कहा कि वह मुक्त बलूचिस्तान आंदोलन के अध्यक्ष हिर्बयार मरी के नेतृत्व में शांति, आर्थिक विकास और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / मुकुंद
