
–मेरठ में तैनाती के दौरान 3 करोड़ रुपए के गबन में हुई थी एफआईआर
प्रयागराज, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । मेरठ में तैनाती के दौरान 3 करोड़ रुपए के गबन मामले में हुई एफआईआर के खिलाफ दाखिल याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को अग्रिम जमानत दी है।
वर्ष 2013 में मेरठ में तैनाती के दौरान 3 करोड़ रुपये छात्रवृति के गबन के आरोप में वर्ष 2013 से लेकर 2019 तक 99 एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ सुमन गौतम ने हाईकोर्ट याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने सुमन गौतम की याचिका पर जमानत ट्रायल चलने तक मंजूर कर ली।
याची के अनुसार 2010-11 में सरकार द्वारा लगभग 3 करोड़ रुपए अल्पसंख्यक बच्चों को छात्रवृत्ति भेजने के लिए केंद्र सरकार ने अनुमोदन किया था। केंद्र सरकार के भेजे गए छात्रवृत्ति को सुमन गौतम तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मेरठ ने सभी मदरसों-विद्यालयों के मैनेजमेंट खाते में नियमानुसार छात्रवृति की धनराशि ट्रांसफर किए थे। मेरठ के सभी मदरसा प्रबंधक ने समस्त बच्चों को छात्रवृत्ति की धनराशि नकद वितरण कर दिया था।
आरोप है कि अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने मदरसा प्रबंधकों व अन्य से मिलकर नगद वितरण फर्जी दिखाकर समस्त धनराशि मदरसा संचालक व अपने सहायक पटल संजय त्यागी के साथ मिलकर समस्त धनराशि गबन कर लिया। जबकि आज तक किसी बच्चे या अभिभावक ने छात्रवृत्ति न मिलने की शिकायत नहीं की, न ही किसी विद्यालय से कोई रिकवरी कराई गई।
घटना के 8 साल बाद एफआईआर दर्ज हुई जिसकी जांच 2018 में शुरू हुई। याची के विरुद्ध समस्त मुकदमों को हाइकोर्ट के निर्देश पर एक साथ जांच संख्या 65/15 में समाहित कर दिया गया था। पूर्व में इसी मुकदमे में याची की समस्त मुकदमों की जांच संख्या 65/15 पर उत्पीड़न की कार्यवाही पर रोक लगाई गई है। याची अंतरिम जमानत पर है।
याची महिला है और वर्तमान समय में सहारनपुर में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात है। कहा गया कि चार्जशीट के बाद अब कोई भी गिरफ्तारी की जरूरत नही है व उसने जांच में सहयोग भी किया है।
—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
