
देवघर, 8 जुलाई (Udaipur Kiran) । विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और तकनीक-सम्मत बनाने के लिए इस बार एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने मंगलवार को देवघर परिसदन में आयोजित मेला तैयारी की समीक्षा बैठक के दौरान दी।
अंसारी ने बताया कि यह पहली बार है जब किसी धार्मिक मेले में एआई का प्रयोग भीड़ नियंत्रण, चिकित्सा जरूरतों की पूर्व जानकारी तथा आपदा की संभावित चेतावनी के लिए किया जा रहा है।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोई भी खामी न रहे और श्रद्धालुओं को हर स्तर पर बेहतर सुविधा मिले। उन्होंने सभी विभागों से समन्वय बनाकर काम करने की अपील की।
मंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्राथमिकता में है। इसी क्रम में 32 अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र, 41 एंबुलेंस और 160 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। किसी आपात स्थिति में ड्रोन के माध्यम से रक्त की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। यह सुविधा देश के किसी भी मेले में पहली बार शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में नकली दवाओं और नशाखोरी पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। औषधि निरीक्षण दल सक्रिय रहेंगे और किसी संदिग्ध दवा पर त्वरित जांच कर संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा को लेकर भी विशेष सतर्कता बरती जाएगी।
मंत्री ने चेतावनी दी कि खाद्य पदार्थों में रंग, मिलावट या हानिकारक सामग्री पाए जाने पर न सिर्फ विक्रेताओं पर, बल्कि संबंधित अधिकारियों पर भी कठोर कार्रवाई होगी।
एनडीआरएफ और कंट्रोल रूम अलर्ट मोड पर
श्रावणी मेला क्षेत्र में एनडीआरएफ की टीम तैनात की जाएगी, जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगी। साथ ही, आपात चिकित्सा वाहन, कंट्रोल रूम और सर्विलांस टीमें 24 घंटे सक्रिय रहेंगी।
बैठक में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने पीपीटी के माध्यम से विभागीय तैयारियों की प्रस्तुति दी।
बैठक में देवघर विधायक सुरेश पासवान, सारठ विधायक उदय शंकर सिंह, जरमुंडी विधायक देवेंद्र कुंवर, पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग, नगर आयुक्त रोहित सिन्हा, सिविल सर्जन डॉ युगल किशोर चौधरी सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।
—————
(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
