Delhi

कॉलेज ऑफ आर्ट्स के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए मंत्री सूद, बोले-क्रिएटिविटी सभ्यता की ऑक्सीजन

कॉलेज ऑफ आर्ट्स के दीक्षांत समारोह में शनिवार को छात्रा को डिग्री देते दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद

नई दिल्ली, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने शनिवार को कॉलेज ऑफ आर्ट्स के दीक्षांत समारोह में कहा कि क्रिएटिविटी सभ्यता की ऑक्सीजन है। इस अवसर पर दिल्ली के शिक्षा सचिव, कॉलेज के प्रिंसिपल और छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।

दीक्षांत समारोह में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (ग्रेजुएशन) के लिए 227 बच्चों को और मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स (पोस्ट ग्रेजुएशन) के लिए 47 बच्चों को डिग्री दी गई। इसके अलावा तीन स्पेशल बच्चों (दो ग्रेजुएशन के लिए और एक पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए) को भी डिग्री प्रदान की गई।

मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा मंत्री सूद ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को संबोधित करते हुए कहा कि क्रिएटिविटी सभ्यता की ऑक्सीजन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर कहते हैं कि जिस राष्ट्र में क्रिएटिविटी फले-फूले, वही राष्ट्र विश्व में विश्वगुरु बनता है। प्रधानमंत्री ने कान्टेन्ट, क्रीएटिविटी और कल्चर को भारत की विकास यात्रा के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ बताया है। प्रधानमंत्री इसे ऑरेंज इकोनॉमी कहते हैं और इस के सबसे महत्वपूर्ण वाहक आप हैं। उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि 1942 में स्थापित कॉलेज ऑफ आर्ट्स ने दशकों से भारतीय कला जगत को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बीएफए, एमएफए से लेकर अब पीएचडी कार्यक्रम तक यह संस्थान केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि एक सशक्त इमैजिनेशन इकोसिस्टम तैयार कर रहा है।

उन्होंने कहा कि आज की तेज, डिजिटल और ध्यान भटकाने वाली दुनिया में कला हमें फिर से केंद्रित और एकाग्र रखती है। दशकों तक भारतीय कला और शिल्प वैश्विक बाजार से कटे रहे। इस दूरी ने हमारे कलाकारों को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने से रोके रखा। अब इस अंतर को मिटाने का समय आ गया है और यह महत्वपूर्ण कार्य आप सभी मिलकर करेंगे। जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, क्रिएटिव इकॉनमी हमारी सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभर रही है। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में हमारे कलाकारों, डिजाइनरों और क्रिएटर्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

दिल्ली 2047 के दृष्टिकोण पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि आपका रचनात्मक विश्वास ही भारत की सांस्कृतिक विश्वास बनेगा। आपकी कल्पना ही भारत की शक्ति को मजबूती देगी। आपके आइडिया ही भारत की वैश्विक पहचान को नई दिशा देंगे। आपकी रचनात्मकता भारत को आर्थिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक हर दृष्टि से नई ऊंचाइयों तक ले जाए। आइए, मिलकर एक विकसित, आत्मनिर्भर और विश्वगुरु भारत के निर्माण की ओर आगे बढ़ें।

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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव