
नई दिल्ली, 2 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने दक्षिणी दिल्ली के आया नगर गांव में लंबे समय से चली आ रही जलभराव की समस्या को नया ड्रेनेज सिस्टम बनाकर स्थायी समाधान कर दिया है।
दिल्ली के सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण एवं लोक निर्माण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने बुधवार को एक विज्ञिप्त जारी करते हुए कहा कि आया नगर की जल निकासी समस्या का समाधान केवल एक इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि वर्षों से उपेक्षित लोगों को राहत और सम्मान देने की प्रतिबद्धता है। यह उस बदलाव का प्रतीक है, जो हम दिल्ली भर में ला रहे हैं, जहां सबसे कठिन समस्याओं का सीधा समाधान किया जा रहा है। अब जब नया ड्रेनेज सिस्टम शुरू हो चुका है। संडे मार्केट रोड पूरे मानसून में जलभराव से रहित रहने का उम्मीद है। यह स्थानीय बाजार के दुकानदारों और हजारों निवासियों के लिए एक बड़ी राहत है।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना दिल्ली सरकार के उन प्रयासों का प्रमाण है, जिनमें राजधानी के सीमावर्ती और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की वर्षों पुरानी समस्याओं को प्राथमिकता दी जा रही है। साथ ही यह अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों में ऐसी ही योजनाओं के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत होती है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने मानसून के दौरान ड्रेनेज सिस्टम की निगरानी के लिए स्थानीय इंजीनियरों को तैनात कर दिया है ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि यह हाई-प्रायोरिटी ड्रेनेज प्रोजेक्ट अब पूरी तरह चालू हो चुका है। आरसीसी बॉक्स ड्रेन और 1000 मिमी व्यास की आउटफॉल पाइपलाइन सहित पूरा ड्रेनेज सिस्टम अब पूरी तरह कार्यशील है। इसके साथ ही आया नगर में दशकों से चला आ रहा वर्षा जल जमा होने और बाढ़ जैसी स्थिति का संकट अब समाप्त हो गया है।
आया नगर अरावली की ऊंची-नीची पहाड़ियों पर बसा है, जहां वर्षों से अनियोजित विकास और अतिक्रमण के कारण प्राकृतिक जल निकासी मार्ग बाधित हो चुके थे। पहले बारिश का पानी प्राकृतिक रूप से पास की खाइयों में बह जाया करता था, लेकिन अब वही पानी संडे मार्केट रोड जैसे मुख्य मार्गों पर भर जाता था। इस जटिल समस्या के समाधान के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने एक मजबूत और तकनीकी दृष्टि से टिकाऊ ड्रेनेज योजना बनाई। इसके तहत संडे मार्केट रोड के एक ओर आरसीसी बॉक्स ड्रेन का निर्माण किया और 1000 मिमी व्यास की पाइपलाइनों के माध्यम से वर्षा जल को पास के जंगल क्षेत्र की खाइयों तक ले जाने की व्यवस्था की गई है। इससे जलभराव की समस्या को खत्म कर दिया गया है।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
