गोरखपुर, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । महायोगी गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) अंतर्गत संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (पारम्परिक चिकित्सा केंद्र) का चयन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा आइकेएस (इंडियन नॉलेज सिस्टम या भारतीय ज्ञान परम्परा) शोध केंद्र के लिए हुआ है। इस परियोजना का नेतृत्व आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम, अधिष्ठाता आईक्यूएसी डॉ. रघुराम अचार, सहायक आचार्य डॉ. प्रिया एस. नायर और डॉ. साध्वी नंदन पाण्डेय करेंगे।
यह जानकारी देते हुए डॉ. गिरिधर वेदांतम ने गुरुवार काे दी। उन्हाेंने बताया कि आईकेएस शोध केंद्र वैदिक, दार्शनिक एवं संज्ञानात्मक विज्ञान को भैषज्य एवं आरोग्य विज्ञान के साथ समन्वित कर अग्रणी शोध कार्य करेगा। इसके माध्यम से भारतीय पारम्परिक चिकित्सा की संरक्षा, संवर्धन एवं वैश्विक प्रतिष्ठा सुनिश्चित की जाएगी। यह केंद्र पारम्परिक चिकित्सा के जनप्रसार, नये शोध परियोजनाओं के संचालन, विद्यार्थियों को प्रशिक्षण तथा गोरखपुर के ग्रामीण एवं जनजातीय क्षेत्रों में जनजागरूकता कार्यक्रम चलाने की दिशा में कार्य करेगा। साथ ही यह पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों का डिजिटल भंडार तैयार करेगा, जिससे इन अमूल्य परम्पराओं का संरक्षण एवं भावी पीढ़ियों तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
इस उपलब्धि पर एमजीयूजी के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह एवं कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने संपूर्ण टीम को बधाई दी तथा विश्वास व्यक्त किया कि यह केंद्र पारम्परिक चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर हमें प्राप्त एक विशेष उपहार है, जो युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की पावन स्मृति को समर्पित है।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
