

गोरखपुर, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में फैकल्टी ऑफ हेल्थ एंड लाइफ साइंस एंड फैकल्टी ऑफ मेडिकल साइंस में नव प्रवेशित विद्यार्थियों से कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने परिसंवाद कर दीक्षारंभ समारोह का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर कुलपति डॉ. सिंह ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एमजीयूजी वैश्विक स्तर पर नया अध्याय लिखेगा। चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में शोध और नवाचारों से महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर आगामी लक्ष्यों से 5 वर्षों में भारत और 10 वर्षों में वैश्विक स्तर पर विश्वविद्यालय शीर्ष स्तर पर स्थापित होगा। यह विश्वविद्यालय आयुर्वेद और विज्ञान के समन्वय से विकास की नई गाथा लिख रहा है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार की त्रिवेणी प्रवाहित होती है। आज का यह दीक्षारंभ केवल एक शैक्षणिक सत्र की शुरुआत नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के जीवन के एक नए अध्याय का आरंभ है। नव प्रवेशार्थियों को शिक्षा के प्रति समर्पित रहने का संकल्प दिलाते हुए कुलपति ने कहा कि सपने बंद आंखों से नहीं, खुली आंखों से देखिए, अनुशासन की परिधि में रहिए, जीवन दर्शन के पीछे उद्देश्य होना आवश्यक है, सोशल मीडिया का सदुपयोग कीजिए।
डॉ. सिंह ने कहा कि 2047 में विकसित भारत के स्वप्न को नई दिशा देने में आपका सहयोग अमूल्य होगा। उन्होंने कहा कि पांच साल में हमारा विश्वविद्यालय पूरे पूर्वांचल में शीर्षस्थ होगा, जो आने वाले समय में सभी को साथ लेकर चलेगा। कहा कि लाइफ साइंस और संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान में अनंत संभावनाएं है। व्यवहारिक रूप से अपने कौशल और ज्ञान को समृद्ध करें। आयुर्वेद और विज्ञान के समन्वय से स्वास्थ सेवा में क्रांतिकारी परिवर्तन आयेगा।
दीक्षारम्भ में अधिष्ठाता प्रो. सुनील कुमार सिंह ने कहा कि बायोकेमिस्ट्री और मेडिकल बायोकेमिस्ट्री जीवन की सूक्ष्मतम क्रियाओं को समझने की कुंजी है।=राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा और विज्ञान को समृद्ध करने का लक्ष्य है जिससे विद्यार्थी भारतीय संस्कृति के गुण रहस्यो को आत्मसात कर विज्ञान की दृष्टि से नए नवाचार का अन्वेषण करे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बहुआयामी विकल्प के रास्ते खुल गया है। बीएससी बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, फोरेंसिक साइंस, मेडिकल बायोकेमिस्ट्री और एमएससी विषय न केवल विज्ञान की गहराइयों में उतरने का अवसर देंगे, बल्कि मानव सेवा, चिकित्सा, अपराध अनुसंधान, औषधि विकास और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के क्षेत्र में आपको अग्रणी बना सकते हैं।
संचालन डॉ. अनुकृति राज ने किया। दीक्षारंभ में प्रमुख रूप से अधिष्ठाता समन्वयक डॉ. मूर्ति, डॉ. अमित कुमार दुबे, डॉ प्रेरणा अदिति, डॉ. रश्मि शाही, डॉ. अवेद्यनाथ सिंह, डॉ. पवन कुमार कन्नौजिया, डॉ. संदीप कुमार श्रीवास्तव, डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव, डॉ. रश्मि झा, सृष्टि यदुवंशी, अनिल कुमार, अनिल मिश्रा, धनंजय पाण्डेय, डॉ. धीरेंद्र कुमार सिंह, डाॅ. किरन कुमार ए., अनिल कुमार पटेल, जन्मेजय सोनी, मिताली पटेल, अनिल कुमार शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
