

मुंबई,7 सितंबर ( हि.स.) । करोड़ों की लागत से बना ठाणे शहर का सौंदर्यीकरण, अवैध बैनरों के कारण सचमुच बदरंग हो रहा है और पर्यावरण के लिए भी बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। सड़कों, चौराहों, डिवाइडरों और पेड़ों पर लगे ढेरों फ्लेक्स बैनरों ने ठाणे के नागरिकों में रोष पैदा कर दिया है। इस पृष्ठभूमि में, पर्यावरणविद् डॉ. प्रशांत रवींद्र सिनकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को तत्काल हस्तक्षेप करने के लिए एक ज्ञापन सौंपा है।
बताया जाता है कि ठाणे में हर हफ्ते जन्मदिन, जयंती, स्वागत, बधाई के नाम पर अवैध बैनर धड़ल्ले से लटकते रहते हैं। नगर निगम औपचारिक कार्रवाई तो करता है, लेकिन कुछ ही घंटों में नए बैनर फिर से लगा दिए जाते हैं। खासकर नेताओं के जन्मदिन के मौके पर तो पूरा शहर आठ-दस दिनों तक इन बैनरों से पटा रहता है। ठाणेवासियों में यह संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि नगर निगम प्रशासन जानबूझकर आँखें मूंदे बैठा है।
जबकि अवैध फ्लेक्स बैनर न केवल शहर की सूरत बिगाड़ते हैं, बल्कि इससे भी गंभीर बात यह है कि ये प्लास्टिक के बैनर कूड़े में फेंक दिए जाते हैं और नालियों को जाम कर देते हैं। जलाने पर ये ज़हरीले धुएं छोड़ते हैं और हवा को प्रदूषित करते हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि ये गैर-अपघटनीय फ्लेक्स पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक हैं।
इस पृष्ठभूमि में, नागरिकों की माँगें स्पष्ट हैं:
अवैध बैनर बनाने के खिलाफ एक सख्त नीति लागू की जानी चाहिए।
बिना किसी राजनीतिक दबाव के दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
हर चौराहे पर दस्ते और सीसीटीवी लगाए जाने चाहिए और लगातार निगरानी रखी जानी चाहिए।
नागरिकों के लिए शिकायत दर्ज करने हेतु 24 घंटे की हेल्पलाइन और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म शुरू किया जाना चाहिए।
करदाता विकास के लिए भुगतान करते हैं, लेकिन बदले में शहर को बदनाम किया जा रहा है। डॉ. प्रशांत सिंकर ने ठाणेकरों की ओर से मांग की है कि नगर निगम अपनी आँखें मूंदना बंद करे और सख्त कदम उठाए।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
