शिलांग, 16 जून (Udaipur Kiran) । मेघालय परिवहन विभाग ने व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए निजी दोपहिया और चार पहिया वाहनों को किराए पर देने के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है। अधिकारियों ने यह कदम इंदौर निवासी राजा रघुवंशी की हत्या की पुलिस जांच के बाद उठाया, जिसमें पता चला कि राजा की की पत्नी सोनम रघुवंशी और हत्या के तीन आरोपितों ने कथित तौर पर अपराध करने के लिए शिलांग में दोपहिया वाहन किराए पर लिए थे।
परिवहन आयुक्त डेविड डी. संगमा ने पिछले दिनों एक सार्वजनिक नोटिस में निवासियों को सूचित किया कि राज्य में निजी वाहनों को किराए पर देना अवैध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मेघालय ने अभी तक कोई आधिकारिक रेंट-ए-बाइक या रेंट-ए-कैब योजना शुरू नहीं की है, जिसका अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति या संगठन के पास ऐसी सेवाओं को संचालित करने का कानूनी अधिकार नहीं है।
संगमा ने मोटर वाहन अधिनियम-1988 का हवाला देते हुए बताया कि धारा-66 वैध परमिट के बिना निजी वाहनों को वाणिज्यिक परिवहन के रूप में इस्तेमाल करने से मना करती है। उन्होंने कहा कि धारा 192ए ऐसी अनधिकृत गतिविधि को जुर्माना या कारावास से दंडनीय बनाती है। धारा 207 के तहत, अधिकारियों के पास परमिट कानूनों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त करने का भी अधिकार है।
नोटिस में चेतावनी दी गई है कि अवैध किराये की सेवाओं को बढ़ावा देने या चलाने वाले किसी भी व्यक्ति को दंड, जेल की सजा और वाहन जब्ती सहित कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा।
अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि आदेश का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा, आनजनों की रक्षा करना और कानूनी परिवहन संचालन को बनाए रखना है। इस कार्रवाई ने व्यापक चिंता पैदा कर दी है, खासकर कीटिंग रोड जैसे क्षेत्रों में, जहां कुछ लोग कथित तौर पर अवैध दोपहिया वाहन किराये का व्यवसाय चला रहे हैं।—————-
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
